September 22, 2024

अभी-अभीः उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के 26 नए मामले, क्वारंटाइन में दो और लोगों की मौत

देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। सोमवार को प्रदेशभर में कोरोना वायरस के 26 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें एक उत्‍तरकाशी, छह देहरादून, दो हरिद्वार, तीन नैनीताल, तीन पौड़ी गढ़वाल, तीन रुद्रप्रयाग, तीन टिहरी गढ़वाल, दो बागेश्वर, दो पिथौरागढ़ और एक मामला अल्मोड़ा में सामने आया है। इसके साथ ही 78 मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो गए हैं। जिसमें 54 अकेले टिहरी जिले से हैं। वहीं, अब 623 केस एक्टिव हैं, जिनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इसके साथ ही कोरोना संक्रमित 12 लोग राज्य से बाहर जा चुके हैं। अब तक कुल संक्रमितों का आंकड़ा 1845 पहुंच गया है। इसमें से 1189 लोग स्‍वस्‍थ हो चुके हैं, जबकि 24 लोगों की मौत हो चुकी है।

पिथौरागढ़ में दो लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। एक संक्रमित मरीज मुंबई और दूसरा दिल्ली से लौटा था, जिसके बाद इन दोनों को संस्थागत क्वारंटाइन कर दिया गया था। स्वास्थ्य विभाग दोनों की ट्रेवल हिस्ट्री जुटा रहा है। जिले में अब संक्रमितों का आंकड़ा 53 पहुंच गया है, जिनमें से 28 लोग स्वस्थ होकर घर लौट चुके है।

क्वारंटाइन में दो और लोगों की मौत

क्वारंटाइन में मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। क्वारंटाइन दो और लोगों की रविवार को मौत हो गई। चमोली और हरिद्वार जिले में यह घटनाएं हुईं। इन्हें मिलाकर उत्तराखंड में अब तक 15 लोग क्वारंटाइन के दरम्यान मर चुके हैं

चमोली जिले के देवाल विकासखंड के ल्वाणी गांव के पंचायत घर में बने क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए 80 वर्षीय बुजुर्ग की रविवार सुबह मौत हो गई। वह अपने बेटे, बहू, पोते और एक अन्य रिश्तेदार के साथ 12 जून को गुड़गांव हरियाणा से घर आए थे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने थर्मल स्क्रीनिंग के बाद उन्हें होम क्वारंटाइन भेजा था, लेकिन गांव वालों की राय पर बुजुर्ग और उनके साथ लौटे परिवार के छह सदस्यों को एहतियातन ग्राम सभा के क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे थे। शनिवार रात बुजुर्ग की तबीयत खराब हुई। सीएमओ डा.केके सिंह ने बताया कि रविवार को सुबह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देवाल के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. सैजाद अली टीम के साथ मौके पर पहुंचे। तब तक बुजुर्ग की मौत हो चुकी थी। डा. अली ने बताया आने वाले दिन वह स्वस्थ थे, बुजुर्ग की मौत बीमारी से हुई है। पूरे परिवार में कोरोना के लक्षण नहीं हैं। इन सभी की दुबारा उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई है। कोरोना सैंपल लेने की व्यवस्था न होने और परिवार के अन्य लोगों में कोरोना के लक्षण न होने के चलते शव का अंतिम संस्कार करने की अनुमति स्वजनों को दे दी गई।


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