September 22, 2024

आयुष मंत्रालय ने शुरू किया कोरोना की दवा ‘आयुष-64’ का क्लीनिकल ट्रायल

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अधीन काम करने वाला राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान ने कोरोना को लेकर चार दवाइयां बनाई हैं जिनमें से एक का नाम है आयुष-64. राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर के जरिए भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने कोरोना के पॉजिटिव मरीजों पर पहली बार जयपुर में आयुष-64 का क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया है.

यह क्लिनिकल ट्रायल कोविड-19 के प्रथम स्टेज के मरीजों पर जयपुर के एक निजी अस्पताल में किया जा रहा है. आयुर्वेद संस्थान के निदेशक का कहना है कि यह दवा सामान्यतः पहले हम लोग मलेरिया के लिए देते थे, मगर इसमें कुछ बदलाव के साथ अब इसे कोरोना मरीजों को दे रहे हैं.

राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान का कहना है कि आयुष-64 का अध्ययन करने के लिए हमने क्लिनिकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन को अपने साथ लिया है. तीन चार महीने में इसके रिजल्ट सामने आ जाएंगे. शुरुआती नतीजे अच्छे दिख रहे हैं.

इस बीच आजतक से खास बातचीत में आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने कहा कि आयुष मंत्रालय भी अपनी दवाई पर काम कर रहा है और जुलाई महीने तक आयुष मंत्रालय भी कोरोना की दवाई लेकर मार्केट में आ सकता है. कोरोनिल दवा पर आयुष मंत्री ने कहा कि बाबा रामदेव को अपनी दवाई की घोषणा बिना अनुमति लिए नहीं करनी चाहिए थी.

कल पतंजलि ने दावा किया था कि पतंजलि ने कोरोना की दवा बना ली है, जिसे नाम दिया गया है कोरोनिल. बाबा रामदेव के मुताबिक, दवा के दो ट्रायल किए गए हैं. पहला क्लिनिकल कंट्रोल स्टडी और दूसरा क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल. दोनों ट्रायल में सौ फीसदी मरीजों के स्वस्थ होने का दावा किया गया है.

हालांकि, पतंजलि के इस दावे पर आयुष मंत्रालय ने बड़ी कार्रवाई की है. आयुष मंत्रालय ने बिना परमिशन कोरोनिल के प्रचार और बिक्री पर रोक लगा दी है. साथ ही पंतजलि से जवाब तलब किया गया है. पतंजलि ने भी अपना जवाब भेज दिया है, जिसकी समीक्षा आयुष मंत्रालय की टास्क फोर्स करेगी.


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