September 22, 2024

छह महीने और पांच सवाल : अभी भी अनसुलझी गुत्थी बना हुआ है कोरोना वायरस

आधा साल खत्म हो चुका है और कोरोना वायरस महामारी की रफ्तार कहीं से भी धीरे होती नजर नहीं आ रही है। दुनियाभर में 1.1 करोड़ लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। वहीं, पूरी दुनिया में 50 फीसदी से अधिक मरीज इस वायरस से इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं। इसके अलावा पांच लाख लोगों की इस वायरस से मौत हुई है। सात लाख से अधिक संक्रमितों के साथ भारत दुनिया में तीसरा सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। 

पिछले साल चीन के वुहान शहर में सामने आए इस वायरस के लिए अभी तक कोई वैक्सीन तैयार नहीं हो पाई है। वहीं, इससे जुड़े कई रहस्य हैं, जिनके सामने आने की जरूरत है। विज्ञान पत्रिका ‘नेचर’ ने कोरोना वायरस से जुड़े पांच रहस्यों के जवाबों का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। 

पत्रिका कुछ प्रमुख सवालों पर प्रकाश डालती है, जिनको लेकर अभी भी शोधकर्ताओं के पास कोई जवाब नहीं हैं। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

(1.) वायरस से संक्रमित होने के बाद हर उम्र के लोगों की प्रतिक्रिया इतनी अलग-अलग क्यों है?

यह स्पष्ट हो चुका है कि बच्चों और बुजुर्गों, विशेष रूप से कोमोरबिडिटी (जिन्हें पहले से कोई गंभीर बीमारी है) वाले मरीजों पर वायरस से संक्रमित होने का खतरा सबसे अधिक होता है। साथ ही इन लोगों पर बीमारी का असर सबसे ज्यादा देखने को मिलता है। हालांकि, यह अभी भी समझने की जरूरत है कि लोगों के शरीर पर वायरस की प्रतिक्रिया अलग-अलग क्यों है?

(2.) प्रतिरक्षा की प्रकृति क्या है और यह कितने समय तक चलती है?

इम्यूनोलॉजिस्ट और विशेषज्ञ यह निर्धारित करने की कोशिश कर रहे हैं कि कोरोना वायरस रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसी दिखती है और यह कितने समय तक चल सकती है। पत्रिका में कहा गया है कि अध्ययनों में पाया गया कि सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ एंटीबॉडी का स्तर संक्रमण के बाद कुछ हफ्तों तक अधिक रहता है, लेकिन फिर आमतौर पर वे घटना शुरू हो जाता है। 

(3.) क्या वायरस ने कोई चिंताजनक म्यूटेशन (उत्परिवर्तन) विकसित किया है?

वायरस के म्युटेशन को लेकर बहुत सी अटकलें हैं, क्योंकि यह वायरस पिछले साल चीन में सामने आने के बाद तेजी से दुनिया के अन्य महाद्वीपों में पहुंच गया। 

(4.) वैक्सीन कितनी अच्छी तरह काम करेगी?

विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों का मानना है कि कोविड-19 वैक्सीन सभी के लिए नहीं होगी, क्योंकि ज्यादातर लोग अपने आप ही वायरस से ठीक हो जाते हैं। वैक्सीन को समाज के कमजोर लोगों के लिए प्रयोग किया जाएगा, जिनमें बुजुर्ग और बच्चे शामिल होंगे। हालांकि, वैक्सीन वायरस के खिलाफ कितनी प्रभावी होगी इसका आकलन अभी भी किया जा रहा है।

(5.) वायरस की उत्पत्ति क्या है?

यह सवाल सबसे बड़ी पहेली बना हुआ है। चीन में पैदा हुए इस वायरस को लेकर अब तक यही माना जा रहा है कि यह चमगादड़ों से पैंगोलिन में पहुंचा और फिर पैंगोलिन से मानव शरीर में। फिलहाल विशेषज्ञ यही अटकलें लगा रहे हैं। 

चीन में चमगादड़ों से लिए गए 1,200 से अधिक कोरोना वायरस नमूनों का एक व्यापक विश्लेषण भी इस बात की ओर इशारा करता है कि इस नए कोरोना वायरस की उत्पत्ति चमगादड़ों से ही हुई है।


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