September 22, 2024

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा राजस्थान का सियासी घमासान, विधानसभा स्पीकर ने दाखिल की याचिका

राजस्थान में जारी सियासी घमासान सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। राजस्थान विधानसभा स्पीकर ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका। स्पीकर ने हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें कोर्ट ने 24 तारीख तक सचिन पायलट और उनके खेमे के 18 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने की बात कही गयी है।

स्पीकर सीपी जोशी ने याचिका में कहा है कि 24 तारीख तक विधायकों के खिलाफ कार्रवाई न करने का हाईकोर्ट का आदेश किहोटो होलोहॉन मामले में सुप्रीम कोर्ट के 1992 के फैसले के खिलाफ है। कीहोटो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार अयोग्यता के मामले में स्पीकर जबतक फैसला नहीं ले लेता, कोई कोर्ट दखल नहीं दे सकता। स्पीकर ने याचिका में कहा है कि राजस्थान हाईकोर्ट ने सचिन पायलट और उनके खेमे के विधायकों के मामले में दखल देकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है। याचिका में यह भी कहा गया है कि सचिन पायलट और 18 विधायकों को स्पीकर का नोटिस विधानसभा की कार्रवाई का हिस्सा है, इसमें हाईकोर्ट का दखल उचित नहीं है। याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग हो सकती है।

साथ ही सीपी जोशी ने ये भी कहा कि स्पीकर के अधिकार क्षेत्र और जिम्मेदारियों के बारे में सुप्रीम कोर्ट और संविधान में अच्छी तरह बताया गया है। बतौर विधानसभा अध्यक्ष मुझे एक अर्जी मिली और इस पर विचार करने के बाद मैंने विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। अगर अथॉरिटी का काम कारण बताओ नोटिस जारी करने का नहीं है तो क्या काम है।

डॉ.जोशी ने कहा विधानसभा और न्यायपालिका दोनों कॉन्स्टिट्यूशनल ऑथोरिटी में टकराव न हो, इसलिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि संविधान ने सबके काम और अधिकार तय किए हैं। स्पीकर होने के नाते  मैने 19 विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। केवल नोटिस जारी किया, कोई निर्णय नहीं दिया। उन्होंने कहा कि अगर अथॉरिटी कारण बताओ नोटिस जारी नहीं करेगी तो उसका काम क्या होगा।

उन्होंने कहा कि मैं नियमों से चलने वाला स्पीकर हूं। पहले हाईकोर्ट ने कहा कि 21 जुलाई तक मुझे कोई निर्णय नहीं करना तो मैने नहीं किया, फिर मंगलवार को हाईकोर्ट ने कहा कि 24 जुलाई तक कोई निर्णय मुझे नहीं करना तो वो भी  मैं नहीं करूंगा। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने जो भी निर्णय दिया उसका मैं सम्मान करता हूं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अतिक्रमण होने दिया जाए। विधानसभा के नियमों के तहत किसी आवेदन कर सुनवाई का अधिकार स्पीकार को है। उन्होंने कहा कि स्पीकर के निर्णय के बाद ही कोर्ट में चैलेंज किया जा सकता है। लेकिन जिन विधायकों को नोटिस दिया गया वे निर्णय से पहले ही कोर्ट में पहुंच गए।

आपको बता दें कि कल ही राजस्थान हाईकोर्ट ने सचिन पायलट और बागी विधायकों के खेमे की याचिका पर विधानसभा स्पीकर को 24 जुलाई तक कोई भी कार्रवाई न करने का आदेश दिया था। इसी पर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा है कि जब तक इस पर फैसला न हो जाए, तब तक किसी को इसमें दखल देने का हक नहीं है।


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