प्राइवेट ट्रेन चलाने में देशी से लेकर विदेशी कंपनियों ने दिखाई रुचि
भारतीय रेल की पटरियों पर निजी रेल दौड़ाने की हो रही कोशिशों के बीच रेलवे बोर्ड ने मंगलवार को प्री बिड मीट बुलाई। कोविड के चलते वेबिनार के सहारे हुई इस मीटिंग में देश-विदेश की कई कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है। बैठक में कुल 16 कंपनियों ने हिस्सा लिया। इनमें बॉम्बार्डियर, जीएमआर, भारत फोर्ज, बीएचईएल, आईआरसीटीसी, मेधा, सीएएफ और गेटवे रेल शामिल रहीं। इस बैठक में टाटा ग्रुप और अदाणी जैसे देश की बड़ी कम्पनिया इस बैठक से दूर रहीं, पर कुछ ऐसे नाम भी सामने आए जिनका इससे पहले इस तरह के किसी भी काम का अनुभव नहीं हैं। रेलवे के खानपान से जुड़ी कम्पनी आर के कैटरर्स भी शामिल हुई।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में हिस्सा लेने वाली कंपनियों ने रेलवे के इस प्रस्ताव पर कुछ सवाल भी उठाए जिनमें पूर्व निर्धारित रूट और शेड्यूल्ड डिपार्चर टाइम। रेलवे ने अपने टेंडर डॉक्यूमेंट में कहा है कि 109 रूट पर सभी ओरिजिनेटिंग स्टेशन पर निजी कंपनियों को शेड्यूल डिपार्चर टाइम ऑफर किया जाएगा। इसमें यात्रा के कुल समय का भी जिक्र होगा। साथ ही रेलवे 160 किमी प्रति घंटे से ट्रेन चलाने की बात कर रहा हैं जबकि रेल ट्रैक इसके लिए तैयार ही नहीं हैं। ऐसे में इन कंपनियों का कहना है कि सफल बिडर के लिए इसे लचीला बनाया जाना चाहिए क्योंकि वे राइडरशिप का जोखिम उठाएंगे और उन्हें रेलवे के साथ राजस्व साझा करना होगा।
गौरतलब है कि हॉल ही में रेलवे बोर्डे ने निजी कंपनियों को ट्रेन चलाने की अनुमति देने को लेकर अपनी पॉलिसी बनाई थी। जिसमें 11295 किमी के 7 हाई डेनसिटी कॉरिडोर को अपग्रेड करना शामिल है ताकि उन पर मार्च 2025 से 160 किमी की रफ्तार से ट्रेनें चलाई जा सकें। इनमें दिल्ली-हावड़ा, हावड़ा-मुंबई, मुंबई-दिल्ली, दिल्ली-गुवाहाटी, दिल्ली-चेन्नई, चेन्नई-हावड़ा और चेन्नई-मुंबई रूट शामिल हैं।
इस तरह से बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में प्री-बिड बैठक का मकसद बोली लगाने वाली संभावित कंपनियों के साथ इससे जुड़े मुद्दों पर चर्चा करना और उनकी चिंताओं को दूर करना होता है। ऐसी दूसरी बैठक 8 अगस्त को होगी।