September 22, 2024

मुंबई के झुग्गी क्षेत्र में रहनेवाले 57 फीसदी लोगों में बन चुकी हैं एंटीबॉडी: अध्ययन

मुंबई में सीरो सर्विलांस के जरिए एक चौकाने वाले खुलास हुआ है। सीरो सर्विलांस शोध में यह पता चला है कि मुंबई के तीन स्थानीय वार्ड की झुग्गी-झोपड़ी की 57 फीसदी जनसंख्या में एंटीबॉ़डी विकसित हुई, जबकि शहर में 16 फीसदी जनसंख्या ने एंटीबॉडी तैयार की है।

ये आंकडा दिखाता है कि कोविड-19 को लेकर जारी आधिकारिक प्रणाली से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे हैं। तीन जून को सीरो सर्विलांस की शुरुआत हुई और तीन नागरिक वार्ड की झुग्गी-झोपड़ी और गैर झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाकों के 8,870 में से 6,936 सैंपल को इकट्ठा किया गया।
इस शोध में पता चला कि मुंबई में कोरोना के एसिम्प्टोमैटिक मरीजों की संख्या ज्यादा है। बीएमसी ने बताया कि शोध के मुताबिक झुग्गी-झोपड़ियों की 57 फीसदी और गैर झुग्गी-झोपड़ियों की 16 फीसदी जनसंख्या ने एंटीबॉडी विकसित की है। बीएमसी का कहना है कि इस डाटा की मदद से हर्ड इम्यूनिटी के बारे में ज्यादा जानकारी जुटाई जा सकती है।

बीएमसी का कहना है कि प्रशासन की ओर से एक और सर्वे किया जाएगा जो संक्रमण के प्रति जानकारी देगा और हर्ड इम्यूनिटी पर प्रकाश डालेगा। सार्स-कोव 2 के लिए किया गया सीरो सर्विलांस एक साझा कमीशन है, जिसमें नीत आयोग, बीएमसी और टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च शामिल हैं।

सीरोलॉजिकल सर्वे के तहत किसी व्यक्ति का ब्लड सीरम का टेस्ट किया जाता है, जो व्यक्ति के शरीर में संक्रमण के खिलाफ लड़ने के लिए एंटीबॉडी की व्यापकता चेक करता है। इस शोध से पता चला कि मुंबई शहर में कोविड-19 के एसिम्प्टोमैटिक मरीज ज्यादा हैं।

बीएमसी का कहना है कि शोध से पता चला है कि महिला में पुरुष के मुकाबले एंटीबॉडी की व्यापकता ज्यादा है। तीनों वार्ड्स में हर उम्र की जनसंख्या में व्यापकता की तुलना की जा सकती है। बीएमसी का कहना है कि झुग्गी-झोपड़ी में लोगों में एंटीबॉडी की व्यापकता इसलिए ज्यादा हो सकती है क्योंकि वहां जनसंख्या घनत्व ज्यादा है और वहां लोग एक समान सुविधाओं जैसे शौचालय, पीने का पानी का लाभ उठाते हैं। 

बीएमसी ने बताया कि सीरो सर्विलांस से पता चलता है कि इंफेक्शन फटालिटी रेट 0.05-0.10 रेंज के बीच यानि कम हो सकता है। इसके अलावा गैर झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाकों में एंटीबॉडी की व्यापकता इसलिए कम हो सकती है क्योंकि वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है। 

बीएमसी का कहना है कि गैर झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाकों में एंटीबॉडी की व्यापकता कम होना बताता है कि सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना जैसे बचाव कार्यों की वजह से संक्रमण का फैलाव कम हो सकता है। 28 जुलाई तक मुंबई में कोविड-19 के 1,10,846 मामले सामने आए और 6,184 लोगों की मौत हो चुकी है।


WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com