September 22, 2024

रक्षा मंत्रालय के चीनी घुसपैठ की बात मानने पर राहुल गाँधी का प्रधान मंत्री पर हमला

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एकबार फिर चीनी घुसपैठ को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर उस वक्त हमला किया है जब रक्षा मंत्रालय ने महज एक दिन पहले डॉक्यूमेंट जारी कर पहली बार चीनी घुसपैठ की बात मानी है।  रक्षा मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर एक डॉक्यूमेंट अपलोड किया है जिसमें उसने स्वीकार किया है कि मई महीने से चीन लगातार एलएसी पर अपना अग्रेशन बढ़ाता जा रहा है। खासतौर से गलवान घाटी पैंगोंग त्सो गोगरा हॉट स्प्रिंग जैसे क्षेत्रों में। रक्षा मन्त्रालय के वेबसाइट पर अपलोड किए गए डॉक्यूमेंट के मुताबिक चीन ने 17 से 18 मई के बीच लद्दाख में  कुंगरांग नाला, गोगरा और पैंगोंग त्सो झील के नॉर्थ बैंक में अतिक्रमण किया है। 

रक्षा मंत्रालय के इन्हीं दस्तावेजों का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र चीनी घुसपैठ को लेकर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने सवाल करते हुए पूछा है कि चीनी घुसपैठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झूठ क्यों बोल रहे हैं? राहुल ने यह सवाल एक रिपोर्ट को शेयर करते हुए पूछा, जिसमें लिखा है कि रक्षा प्रतिष्ठान ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया है कि चीनी सैनिकों ने मई में पूर्वी लद्दाख में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की थी। 

दरअसल रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर मंगलवार को अपलोड किए गए नए दस्तावेज के अनुसार, चीनी पक्ष ने कुगरांग नाला (हॉट स्प्रिंग्स के उत्तर में पैट्रोलिंग प्वाइंट-15 के पास), गोगरा (पीपी-17 ए) और पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट पर 17-18 मई को घुसपैठ की थी। हालांकि चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ‘घुसपैठ’ के लिए भारत द्वारा इस्तेमाल किए गए ‘अतिक्रमण’ शब्द का किसी भी आधिकारिक बयान या दस्तावेज में उल्लेख नहीं किया गया है। मंत्रालय का ये बयान ऐसे समय में आया है जब शीर्ष स्तर की सैन्य वार्ता के पांच दौर के बावजूद पैंगोंग त्सो और गोगरा में गतिरोध जारी है।  रक्षा मंत्रालय के दस्तावेज के मुताबिक, ‘5 मई के बाद से एलएसी के साथ और गलवान घाटी में चीनी आक्रामक रुख अख्तियार किए हुए है।  

रक्षा मंत्रालय की ओर से यह जानकारी ऐसे समय पर सामने आई है जब गतिरोध वाले क्षेत्रों पैंगोंग त्सो और गोगरा से सैनिकों को पीछे हटाने के लिए पांच बार सैन्य स्तर की वार्ता हो चुकी है। सूत्रों मिल रही जानकारी के मुताबिक भारत और चीन के बीच रविवार को लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच हुई 5 वें दौर का बातचीत भी बेनतीजा रही। चीन के अनुरोध पर मोलडो में हुई यह बैठक तकरीबन दस घंटे तक चली थी । अब चीन ने उल्टा भारत से  पैंगोंग त्सो से पीछे हटने को कहा। चीन के इस प्रस्ताव को भारत ने ठुकराया दिया है। 

चीन के प्रस्ताव को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल की अध्यक्षता वाली चीन स्टडी ग्रुप ने अध्ययन किया। जिसके बाद सेना ने हॉटलाइन के जरिये चीन को बता दिया कि उसका प्रस्ताव भारत को मंजूर नहीं। रविवार को हुई बातचीत में चीन भी पैंगोंग त्सो से पीछे नहीं हटने पर अड़ा रहा। भारत ने एलएसी पर तनाव कम करने के लिए चीन के पीछे हटने और अप्रैल की यथास्थिति कायम करने की शर्त रखा था। अब चीन भारत से ही पीछे हटने को कह रहा।  हॉट स्प्रिंग गोगरा  के पैट्रोलिंग पॉइंट 17 और 17-A से भी अब चीनी सेना पीछे नहीं हट रही और डिसइनगेजमेंट  प्रक्रिया का पालन नहीं कर रही है।

आपको बता दें कि गलवां घाटी में 15 जून को हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। जिसमें कर्नल रैंक के अधिकारी संतोष बाबू भी शामिल थे। वहीं इस झड़प में चीनी सेना को भारी नुकसान पहुंचा था और उसके 40 से ज्याद सैनिक मारे गए थे। हालांकि ड्रैगन ने अपने सैनिकों की संख्या का खुलासा नहीं किया है। तब विदेश मंत्रालय ने कहा था कि एलएसी को पार करने की चीनी कोशिशों की वजह से सेना के बीच संघर्ष हुआ था। मंत्रालय ने कहा था कि चीन ने पारंपरिक भारतीय गश्ती में बाधा डाली थी।


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