500 रुपये के नए नोटों की छपाई में लगे 5000 करोड़ रुपये: वित्त राज्यमंत्री

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नई दिल्ली । देश में बीते वर्ष नोटबंदी के बाद जो भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से नए 500 रुपये के नोट पेश किये गये थे, उनपर करीब 5000 करोड़ रुपये का खर्च आया था। वित्त राज्य मंत्री पी राधाकृष्णन ने लोकसभा में लिखित जवाब में बताया कि आठ दिसंबर तक 1695.7 करोड़ 500 रुपये के नोट छापे गये थे। इनपर कुल खर्च 4968.84 करोड़ रुपये का आया था।

राधाकृष्णन ने यह भी बताया कि आरबीआई ने नए 2000 रुपये के 365.4 करोड़ रुपये के नोट छापे थे, जिनका कुल खर्च 1293.6 करोड़ रुपये आया था। वहीं, 200 रुपये के 178 करोड़ नोट की छपाई में 522.83 करोड़ रुपये का खर्च आया है।

वर्ष 2016-17 के दौरान आरबीआई की ओर से सरकार को जो सरप्लस ट्रांस्फर किया गया है उसमें 35217 करोड़ रुपये की गिरावट देखने को मिली है। इसका मुख्य कारण नए नोटों की छपाई में आया खर्च है। गौरतलब है कि सरकार ने आठ नवंबर, 2016 को 1000 रुपये और 500 रुपये के नोटों को बैन कर दिया था। यह बाजार में प्रचलित कुल करंसी का 86 फीसद हिस्सा था। करीब 99 फीसद स्क्रैप्ड करंसी को भारतीय रिजर्व बैंक को लौटा दिया गया था।

उन्होंने एक अन्य जवाब में बताया कि 30 जून, 2017 तक 15.28 लाख करोड़ रुपये के बैन किये गये नोट बैंकिंग प्रणाली के पास वापस आ गये थे। वहीं, रिमॉनेटाइजेन प्रक्रिया के तहत रिजर्व बैंक ने 500 और 50 रुपये के भी नए नोट बाजार में जारी कर दिये हैं। साथ ही 2000 रुपये और 200 रुपये नोटों को भी लाया गया है।

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