September 22, 2024

प्रशांत भूषण ठहराए गए सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के दोषी, 20 अगस्‍त को सुनाई जाएगी सजा

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को भारत के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबड़े और सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ उनके दो ट्वीट के लिए अवमानना का दोषी ठहराया गया है। 20 अगस्त को इस मामले में उनको सजा सुनाई जाएगी। उन्‍होंने पहले ट्वीट में आरोप लगाया गया कि न्यायपालिका ने लोकतंत्र को बचाने के लिए कुछ नहीं किया और दूसरे में चीफ जस्टिस बोबडे की कोरोना वायरस महामारी में आवश्यक लॉकडाउन के दौरान अदालतों को बंद रखने के लिए आलोचना की।

जस्टिस अरुण मिश्रा, बीआर गवई और कृष्ण मुरारी की तीन जजों की बेंच ने श्री भूषण के ट्वीट पर फैसला सुनाया। भूषण ने सीजेआई बोबडे के खिलाफ 27 जून को और 29 जून को दो ट्वीट पोस्ट किए थे। जिसके बाद शीर्ष अदालत ने उन्‍हें उन्हें 22 जुलाई को नोटिस दिया था। शीर्ष अदालत ने 5 अगस्त को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, क्योंकि भूषण ने अपने दो कथित अवमानना वाले ट्वीट्स का बचाव करते हुए कहा वह अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग कर रहे हैं और अदालत के कामकाज के बारे में अपनी राय दे रहे हैं, और यह “न्याय में बाधा” नहीं है।

अदालत में पेश किए गए पहले ट्वीट में कहा गया है, ”जब भविष्य के इतिहासकार पिछले छह सालों में यह देखते हैं कि आपातकाल के बिना भी भारत में लोकतंत्र कैसे नष्ट हो गया है, तो वे विशेष रूप से सुप्रीम कोर्ट की भूमिका पर सवाल उठाएंगे। इसमें मुख्‍य रूप से अंतिम चार CJI की भूमिका पर सवाल खड़े किए जाएंगे।” दूसरे ट्वीट में उन्‍होंने कहा, “CJI ने नागपुर में एक भाजपा [भारतीय जनता पार्टी] के नेता की 50 लाख रुपये की मोटर साइकिल की सवारी की, बिना मास्क या हेलमेट पहने, ऐसे समय में जब वह SC को लॉकडाउन मोड पर रखता है और नागरिकों को न्याय तक पहुँचने के अपने मौलिक अधिकार से वंचित करता है!”

हालांकि सुप्रीम कोर्ट को अपनी सफाई में दिए गए हलफनामे में प्रशांत भूषण ने कहा कि बोबडे ने हेलमेट नहीं पहना था। उन्होंने कहा कि वह इस बात पर ध्यान नहीं दे पाए कि बाइक स्थिर थी और सीजेआई सवारी नहीं कर रहे थे, बल्कि उस पर बैठे थे। 22 जुलाई को शीर्ष अदालत ने भूषण को उनके दो ट्वीट्स के लिए आपराधिक अवमानना की शुरुआत करने के बाद कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

तहलका पत्रिका को 2009 के एक साक्षात्कार में पिछले CJI को भ्रष्ट कहने के लिए भूषण के खिलाफ उसी तीन-न्यायाधीश की पीठ के समक्ष एक याचिका भी लंबित है। भूषण ने स्पष्टीकरण की पेशकश की थी, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने 10 अगस्त को ही फैसला सुनाया कि वह इस मामले पर विस्तार से सुनवाई करेगा। वह मामला अब 17 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।


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