September 22, 2024

बड़ी जीतः राजकीय शिक्षक संघ की मांग पर शासन ने बदला फैसला, अतिथि शिक्षक को छोडनी होगी स्थायी प्रवक्ता के लिए कुर्सी

देहरादून। लंबे समय से एलटी प्रवक्ता के रिक्त पदों को लेकर उत्तराखंड स्थाई शिक्षकों के विरोध के बाद आखिरकार राजकीय शिक्षक संघ की बात को मान लिया गया है। शिक्षक संघ अपनी मांग को लेकर पिछले कई दिनों से विभागीय मंत्री और सचिव विद्यालयी शिक्षा के संपर्क में था। जिसके बाद शिक्षा सचिव ने राजकीय शिक्षक संघ की मांग के अनुसार आदेश जारी कर दिये है। अब स्थाई प्रवक्ताओं की पोस्टिंग में अथिति शिक्षकों की नियुक्ति वाले पद भी रिक्त माने जाएंगे, मतलब स्थाई प्रवक्ता की पोस्टिंग पर अथिति शिक्षकों को अब हटना भी पढ सकता है।

दरअसल प्रदेश में में में एलटी से प्रवक्ता पद पर 1300 से अधिक शिक्षकों की प्रमोशन के जरिए नियुक्तियां हुई थी. जिसके बाद भी तमाम विद्यालयों में कई पद रिक्त थे जिनमें 600 से अधिक शिक्षकों की पोस्टिंग को लेकर विवाद बना हुआ था क्योंकि 17 जुलाई को जारी आदेश के अनुसार अथिति शिक्षकों की नियुक्ति वाले पदों को रिक्त नहीं माना गया था. जिसके बाद स्थाई शिक्षक जबरदस्त विरोध में थे. इस शिक्षकों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने अतिथि शिक्षकों को अस्थाई पद माना है। जबकि राजकीय शिक्षक संघ का साफ तौर से कहना था कि कोर्ट ने पद को स्थायी तो माना है, लेकिन ऐसा कोई आदेश नही है जिससे यह कहा जाय कि पद के स्थायी होने से अस्थायी व्यवस्था को ही स्थायी मान लिया जाय। जिसके बाद मामले को तूल पकड़ते देख शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने शिक्षा सचिव को पुनर्विचार करने के निर्देश दिए थे। उधर राजकीय शिक्षक संघ के पदाधिकारियों व स्थायी शिक्षकों के विरोध को देखते हुए सरकार ने प्रवक्ता काउंसलिंग के लिए जारी अपना 17 जुलाई का फैसला पलट दिया. शिक्षा सचिव आर मीनाक्षीसुंदरम ने इसके आदेश दे दिए है. और कहा कि स्थायी शिक्षक की नियुक्ति से हटने वाले अतिथि शिक्षक को दूसरे स्कूल में नियुक्ति लेने का विकल्प दिया जाएगा।

डाॅ सोहन सिंह माजिला

उधर राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री डाॅ सोहन सिंह माजिला ने कहा कि यह शिक्षक हित में लिया गया फैसला है। माजिला ने कहा कि वह किसी के भी विरोध में नहीं है, लेकिन स्थायी शिक्षक का अगर प्रमोशन होता है तो उसका अधिकार उसे मिलना चाहिए। उन्होंने विभागीय मंत्री अरविन्द पांडे और शिक्षा सचिव का आभार प्रकाट किया। महामंत्री माजिला ने कहा कि समय रहते सरकार ने शिक्षकों की मांग को माना है।


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