दिल्ली दंगे मामले में पुलिस की कार्रवाई, जेएनयू का पूर्व छात्र उमर खालिद गिरफ्तार
इस साल यानी फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे में कथित भूमिका के आरोप में पुलिस ने रविवार देर रात जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के तहत की गई है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने खालिद को 11 घंटे लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया। आज उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।
इससे पहले भी पुलिस ने उमर खालिद के खिलाफ दंगों से संबंधित एक अन्य मामले में गैर कानूनी गतिविधि (निषेध) कानून (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया था। इससे पहले इस साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों के सिलसिले में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने 2 सितंबर को भी खालिद से पूछताछ की थी। खबरों के मुताबिक, पुलिस ने उसका मोबाइल फोन जब्त कर लिया है।
बता दें कि इस साल 23 फरवरी को उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे हुए थे। इस दंगे में 53 लोग मारे गए थे और लगभग 200 लोग घायल हुए थे। इस दौरान दिल्ली पुलिस के दो जवानों की भी जान चली गई थी।
दिल्ली पुलिस ने रविवार को कहा कि वह फरवरी में उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में शामिल उन सभी लोगों की भूमिका की जांच कर रही है जो हिंसा फैलाने की साजिश के पीछे थे और समुदायों के बीच सांप्रदायिक उन्माद भरने की कोशिश कर रहे थे। एक अधिकारिक बयान में दिल्ली पुलिस ने कहा कि विभिन्न हित समूह सोशल मीडिया मंच और अन्य ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग कर दंगे के मामलों की जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे हैं। पुलिस के मुताबिक, इस मामले में अब 751 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं।
पुलिस अधिकारियों ने दावा किया है कि अधिकांश महत्वपूर्ण मामलों में जांच को अंतिम रूप दे दिया गया है और अदालत में सुनवाई के लिए आरोप पत्र दिए गए हैं। अब तक 1,575 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से 1,153 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर दिया गया है। कई मानवाधिकार समूहों ने दिल्ली पुलिस पर पक्षपातपूर्ण जांच करने का आरोप लगाया है।