September 22, 2024

बढ़ेंगी गहलोत सरकार की मुश्किलें? महापंचायत कर गुर्जर नेताओं ने दिया अल्टीमेटम

राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ सकती हैं। दरअसल राज्य में गुर्जर समुदाय लंबे समय से आरक्षण की मांग कर रहा है, इसी संबंध में शनिवार को भरतपुर के बयाना में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की महापंचायत हुई। इस महापंचयात में गुर्जर नेताओं ने राजस्थान सरकार को अल्टीमेटम देते हुए आरक्षण संबंधी मागों को मानने के लिए एक नवंबर तक का समय दिया।

बयाना के अड्डा गांव में आयोजित महापंचायत में समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि समाज एक नवंबर तक सरकार की कार्रवाई का इंतजार करेगा, उसके बाद भी अगर मांगों पर काम नहीं हुआ तो वह आंदोलन करेगा। उन्होंने कहा कि हम शांति से अपना हक चाहते हैं। बैंसला ने मीडिया से कहा कि खेती बाड़ी के काम एवं त्योहारी सीजन को देखते हुए हमने एक नवंबर तक का समय रखा है।

उन्होंने कहा, “सरकार को भी एक नवंबर तक का समय मिल गया है। उसके बाद भी अगर मांगों पर काम नहीं हुआ तो समाज आकर पटरी पर बैठ जाएगा।”

सरकार की ओर से आला अधिकारियों की कर्नल बैंसला से बातचीत के बारे में उन्होंने कहा कि अधिकारी कोई ठोस प्रस्ताव लेकर नहीं आए जबकि हम चाहते हैं कि हमारी मांगों पर काम हो। उल्लेखनीय है कि गुर्जरों की इस महापंचायत को देखते हुए बयाना, भरतपुर में चौकसी बढ़ा दी थी और आला अधिकारियों को सचेत रहने को कहा था। जयपुर से आईएएस अधिकारी नीरज के.पवन भी बैंसला से मिले थे और वार्ता की पेशकश की थी। कई इलाकों में इंटरनेट भी बंद कर दिया गया था।

समिति की प्रमुख मांगों में आरक्षण को केंद्र की नौवीं अनुसूची में शामिल करवाना, बैकलॉग की भर्तियां निकालने व प्रक्रियाधीन भर्तियों में पूरे पांच प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाना शामिल है। जयपुर में भाजपा ने इस मामले में कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने मामले को उलझाया है और वह केवल गुर्जरों को आश्वासन देकर काम चला रही है। हालांकि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि गुर्जर समाज की नौंवी अनुसूची संबंधी मांग केंद्र सरकार पूरी कर सकती है और समाज के नेताओं को इस बारे में राज्य के 25 भाजपा सांसदों से बात करनी चाहिए। 


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