अमेरिकी राष्ट्रपति की बहस में ट्रम्प ने कहा- भारत को देखो, वहां की हवा गंदी है
अपने डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन के साथ दूसरे और अंतिम राष्ट्रपति पद की बहस के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जलवायु परिवर्तन पर भारत, चीन और रूस के साथ अमेरिका की तुलना की और कहा कि ये देश गंदे हैं और वे अपने वायु प्रदूषण की परवाह नहीं करते हैं, लेकिन अमेरिका करता है।
ट्रंप ने कहा, “चीन को देखो, कितनी गंदी है। रूस को देखो, भारत को देखो, उनकी यहां पर हवा गंदी है। अमेरिका में 35 वर्षों में सबसे अच्छा कार्बन उत्सर्जन है। हमारे पास सबसे स्वच्छ हवा, सबसे साफ पानी और सबसे अच्छा कार्बन उत्सर्जन है।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि उन्होंने पेरिस समझौते से खुद को निकाल लिया, क्योंकि यह अनुचित था। उन्होंने कहा, “मैं पेरिस समझौते से बाहर चला गया, क्योंकि हमें खरबों डॉलर खर्च करने पड़े और हमारे साथ बहुत ही गलत व्यवहार किया गया। मैं पेरिस समझौते की वजह से लाखों नौकरियों का त्याग नहीं करूंगा। यह बहुत अनुचित है।”
नवंबर, 2019 में यूएस ने औपचारिक रूप से यूएन को 2015 के पेरिस जलवायु समझौते से खुद की वापसी को लेकर सूचित किया था। एक ऐतिहासिक वैश्विक समझौता जो भारत सहित 188 देशों को एक साथ लाया था, जिससे ग्लोबल वार्मिंग का मुकाबला किया जा सके। पेरिस समझौते में ट्रम्प के पूर्ववर्ती बराक ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमिका निभाई थी। यूएन के जलवायु सम्मेलन “COP 21” को 2015 में फ्रांसीसी राजधानी में आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य खतरनाक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना था।
हालांकि ट्रम्प ने 1 जून, 2017 को ऐतिहासिक समझौते से हटने के अपने फैसले की घोषणा की, लेकिन यह प्रक्रिया औपचारिक अधिसूचना के साथ 2019 में लगभग ढाई साल बाद शुरू हुई और अमेरिका 4 नवंबर, 2020 को समझौते से बाहर हो जाएगा।
शुक्रवार को, जलवायु परिवर्तन के अलावा ट्रम्प और बिडेन ने कोविड-19 महामारी और अर्थव्यवस्था, नस्लवाद, पुलिस क्रूरता, विदेश नीति और स्वास्थ्य सेवा सहित कई मुद्दों पर बहस की।
कोरोना के टीके पर ट्रम्प ने कहा कि एक कोविड-19 वैक्सीन तैयार है और 223,000 से अधिक अमेरिकियों को घातक बीमारी का मुकाबला करने के लिए हफ्तों के भीतर इसकी घोषणा की जा सकती है।
अमेरिका में 3 नवंबर को मतदान होगा। यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के यूएस इलेक्शन प्रोजेक्ट के अनुसार, कम से कम 35 मिलियन लोग पहले ही अपने मतपत्र डाल चुके हैं, जोकि कुल 2016 वोट के एक चौथाई से अधिक है।