November 25, 2024

कांग्रेस का यू-टर्न! सुरजेवाला बोले- हम ‘गुपकार’ गठबंधन का हिस्सा नहीं

gupkar alliance 1605668196

केंद्रीय गृहमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अमित शाह द्वारा कश्मीर में गुपकर एलायंस को लेकर कांग्रेस पार्टी पर किए गए हमले के बाद कांग्रेस बैकफुट पर आ गई है। कांग्रेस पार्टी के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बयान जारी कर कहा है कि कांग्रेस पार्टी ‘गुपकर एलायंस’ का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि आए दिन झूठ बोलना, कपट फैलाना व नए भ्रमजाल गढ़ना मोदी सरकार का चाल-चेहरा-चरित्र बन गया है। शर्म की बात है कि देश के गृहमंत्री श्री अमित शाह राष्ट्रीय सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी दरकिनार कर जम्मू, कश्मीर व लद्दाख पर सरासर झूठी, भ्रामक व शरारतपूर्ण बयानबाजी कर रहे हैं।

बयान जारी कर रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “अमित शाह यह बताएं कि जिस पीडीपी की वो आलोचना कर रहे हैं, उसके साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में भाजपा ने सरकार का गठन क्यों किया था?” सुरजेवाला ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि अमित शाह यह भी बताए कि भाजपा सरकार जम्मू-कश्मीर की जेल से कुख्याल आतंकवादी मौलाना मसूद अजहर, मुश्ताक अहमद जरगर और अहमद उमर सईद शेख को अफगानिस्तान रिहा करके क्यों आई थी और क्या यही उग्रवादी 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदारी नहीं हैं?

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी यह कभी स्वीकार नहीं करेगी कि राष्ट्र की अस्मिता, अखंडता या तिरंगे को कोई आचं पहुंचाए। कांग्रेस अपने नेताओं के बलिदान पर गौरवान्वित है। कांग्रेस कभी भी देश के आंतरिक मामलों या जम्मू-कश्मीर में विदेशी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेगी। अमित शाह और मोदी सरकार को देशभक्ति का नया पाठ सीखना चाहिए, क्योंकि उनके मातृसंगठन आरएसएस ने आजादी के 52 साल बाद भी आरएसएस के मुख्यालय में राष्ट्रीय झंडा नहीं फहराया।

आपको बता दें कि मंगलवार को जम्मू कश्मीर में स्थानीय निकाय के चुनावों से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) को “नापाक वैश्विक गठजोड़” करार दिया जो कांग्रेस के साथ आतंक और अशांति के दौर की वापसी चाहता है। एक के बाद एक कई ट्वीट कर अमित शाह ने पीएजीडी को “गुपकर गैंग” करार दिया और आरोप लगाया कि वह जम्मू कश्मीर में विदेशी ताकतों का हस्तक्षेप चाहता है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस और गुपगर गैंग जम्मू कश्मीर को आतंक और अशांति के युग में वापस ले जाना चाहते हैं। अनुच्छेद 370 को हटाकर हमने वहां के दलितों, महिलाओं और आदिवासियों को जो अधिकार प्रदान किए हैं उसे वे वापस लेना चाहते हैं। यही कारण है कि उन्हें देश की जनता हर जगह से खारिज कर रही है।”