श्री देव सुमन विश्वविधालय के कुलसचिव पर भारी पड़ गयी अनुशासनहीनता
देहरादून। श्री देव सुमन विश्वविधालय के विवादित कुलसचिव सुधीर बुड़ाकोटी की अनुशासनहीनता तथा अनियमितताओं की जाँच के लिये कुलपति डाॅ0 पी0पी0 ध्यानी ने राजभवन व शासन को भेजे गये पत्र पर कार्यवाही शुरू कर दी गयी है। राजभवन से मिली जानकारी के अनुसार राजभवन ने इस संबंध में शासन को निर्देशित किया है कि वह विवि की कार्यप्रणाली को दुरस्त करने के लिए तत्काल निर्णय लिया जाना चाहिए। जिससे साफ है कि एक दो दिन में कुलसचिव की छुटृटी हो सकती है।
दस्तावेज को उच्च शिक्षा मंत्रालय द्वारा बताया गया कि इस संबंध में शासन को जल्द निर्णय लेने के लिए विभागीय मंत्री की ओर से हरी झंडी दे दी गयी है। साथ ही मंत्रालय ने शासन से श्रीदेव सुमन विवि में आये दिन हो रहे विवादों के निस्तारण के लिए भी एक कमेटी गठन करने का निर्देश दिया है। जिससे साफ है कि विवि के कुलसचिव बुडाकोटी को अब किसी ओर विवि में भेजा जा सकता है।
बुड़ाकोटी का विवादों में बने रहना तथा अपने नियंत्रक अधिकारियों की अवमानना करना एक आदत सी बन गयी है।
अपने सेवाकाल के इतने कम समय में जितने स्थानांतरण इनको मिले हैं उतने शायद ही उत्तराखण्ड में किसी अन्य कुलसचिव को मिले होंगे। मनमाने तरीके से विश्विधालय के नियमों की अनदेखी करते हुए बिना कुलपति की आज्ञा के शासन तथा उच्च स्तर पर पत्राचार करना तथा कुलपति के आदेशों को सिरे से नजरअंदाज करना इंगित करता है कि बुड़ाकोटी द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन न सिर्फ गैरजिम्मेदारी से बल्कि अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर मनमाने तरीक से किया जा रहा था।
ऐसे में अब शासन को निर्णय लेना है कि आखिर ऐसे अधिकारियों पर लगाम कैसे लगेगी। उधर कुलसचिव की कार्यप्रणाली से विवि के अन्य अधिकारी ओर कर्मचारी भी परेशान है।
नाम न बताने की शर्त पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगर कुलसचिव इतनी उर्जा विवि के कार्यो में लगाते तो आज विवि में लंबित कार्यो की फेरिस्त न होती। उक्त अधिकारी ने बताया जब से कुलसचिव ने कार्यभार ग्रहण किया है वह एक दिन भी विवि परिसर में पूरे दिन नही बैठ पाये है।