किसानों से साथ 4 जनवरी को होने वाली बैठक से पहले कृषि मंत्री ने दिया ये बड़ा बयान
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों का किसान पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से विरोध कर रहे हैं। हालांकि किसानों के साथ हुई बैठक में केंद्र सरकार ने 4 में दो मांगे मान ली है, लेकिन दो मांगों पर बातचीत 4 जनवरी को होनी है। इस बैठक को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि वह बैठक के नतीजों की भविष्यवाणी नहीं कर सकते हैं। हालांकि, उन्होंने किसानों के साथ बातचीत के आगामी दौर से “सकारात्मक परिणाम” की उम्मीद की।
नरेंद्र सिंह तोमर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार अगली बैठक में प्रदर्शनकारी किसानों की यूनियनों के साथ सकारात्मक परिणाम की उम्मीद कर रही है, जो 4 जनवरी को होने वाली है।
यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्र और किसानों के बीच गतिरोध अगले और सातवें दौर की बातचीत के बाद हल हो जाएगा तोमर ने कहा, “मैं एक ज्योतिषी नहीं हूं। मैं निश्चित नहीं कह सकता कि यह (बैठक) अंतिम होगी।”
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि जो भी (बैठक में) फैसला होगा वह देश और किसानों के हित में होगा।” किसान संघ तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने और विकल्प सुझाने के सरकार के प्रस्ताव को खारिज करने की मांग पर अड़े हैं, जिसपर तोमर ने कहा, “हम देखेंगे।”
किसान संघों ने दी चेतावनी दी
अगले दौर की बातचीत के दौरान किसान यूनियनों ने चेतावनी दी कि अगर हरियाणा सरकार तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी को कानूनी गारंटी देने की अपनी मुख्य मांगों को हल करने में विफल रहती है, तो वे हरियाणा में सभी मॉल और पेट्रोल पंप बंद करना शुरू कर देंगे।
सिंघु बॉर्डर विरोध स्थल पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, किसान संघों के प्रतिनिधियों ने कहा कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों में से केवल पांच प्रतिशत ही सरकार के साथ बैठकों में चर्चा की गई है।