कौशिक बनाम सिसोदियाः खुली बहस में नहीं पहुंचे मंत्री मदन कौशिक, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने राज्य सरकार को घेरा।
देहरादून। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक व दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बीच बीते दिनों से चल रही है सियासी जंग सेे ठंड के मौसम में भी उत्तराखण्ड में राजनीतिक माहौल गर्म है। केजरीवाल बनाम उत्तराखंड सरकार मॉडल पर खुली बहस के लिए सोमवार को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री व आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया देहरादून स्थित ऑडिटोरियम पहुंचे। मनीष सिसोदिया ने आईआरडीटी ऑडिटोरियम में उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक का करीब 40 मिनट तक इंतजार किया। जिसके बाद मनीष सिसोदिया चले गए। उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया संग खुली बहस के लिए नहीं पहुंचे। जिस पर सिसोदिया ने कहा कि अब विश्वास हो गया है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री जीरो वर्क सीएम हैं।
इस दौरान उन्होंने कहा कि मदन कौशिक के न आने से यह साफ हो गया है कि अगर जीर वर्क मुख्मयंत्री त्रिवेंद्र सरकार ने कुछ काम किया होता तो वह सामने आकर बताते। कहा कि भारत की संस्कृति चुनौती का सामना करने वाली है, जबकि भाजपा की संस्कृति चुनौती देकर भाग जाने की है। जिसके बाद मनीष सिसोदिया डोईवाला के पास जीवनवाला, लालतप्पड़ में एक सरकारी स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया की चुनौती को उत्तराखंड सरकार के शहरी विकास मंत्री और शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने स्वीकार तो किया, लेकिन आमने सामने की बहस से किनारा कर लिया। कौशिक ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता राजनीतिक रूप से कतई गंभीर नहीं हैं और दिल्ली सरकार के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया के पत्र से यह जाहिर हो रहा है। बहस उन्हीं से की जा सकती है, जो बहस के प्रति गंभीर हों। कौशिक ने सिसौदिया को तीन पेज का पत्र भेजा है।
रविवार को विधानसभा में मीडिया से मुखातिब कौशिक ने कहा कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री सिसौदिया की ओर से उन्हें भेजे गए पत्र में तथ्यात्मक रूप से गलती है। यह पत्र सरकारी पैड पर भेजा गया है और इसमें बहस के लिए जनवरी 2020 की तिथि दी गई है, जो कब की बीत चुकी है। कौशिक के मुताबिक उन्होंने इस पत्र का जवाब दिया है, लेकिन बहस का सवाल इसलिए नहीं बनता, क्योंकि आम आदमी पार्टी की सरकार राजनीतिक रूप से गंभीर नहीं है।
मंत्री कौशिक ने कहा दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री का पत्र बताता है कि आप के नेता उतावलेपन में काम करते हैं। वे राजनेताओं पर पहले आरोप लगाते हैं और बाद में माफी मांग लेते हैं। बहस उन्हीं से की जा सकती है जो बहस के प्रति गंभीर हों। कौशिक ने आप नेताओं को पर्यटक राजनेता करार दिया और कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने पहले दिल्ली के लोगों को धोखा दिया और अब वो उत्तराखंड के लोगों को धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं।