किसानों के लिये जयपुर में धरने पर बैठी गहलोत सरकार, केंद्र पर लगाया ये आरोप
किसान अधिकार दिवस के तहत राजस्थान में भी कांग्रेस ने किसान आन्दोलन के समर्थन और कृषि कानूनों के विरोध में जोरदार तरीके से धरना प्रदर्शन किया। जयपुर में कांग्रेस के तमाम बड़े नेता राजभवन के घेराव के लिए जुटे। हालांकि राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन और सीएम अशोक गहलोत को भी इस धरने में आना था लेकिन अपनी ही सरकार के शासन में राजभवन के घेराव के इस कार्यक्रम से उन्होंने इसे बचने की कोशिश की।
कहने को तो ये किसानों के आन्दोलन को समर्थन देने और कृषि कानूनों के विरोध में किसान अधिकार दिवस का धरना-प्रदर्शन था लेकिन यहां से केंद्र सरकार के खिलाफ तमाम आरोपों के तीर चले। कृषि बिलों के साथ साथ पेट्रोल- डीजल की बढ़ी कीमतों, बरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को उठाकर कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरने की पूरी कोशिश की। पीसीसी अध्यक्ष गोविन्द डोटासरा की अगुवाई में हुए इस आन्दोलन में उन्होंने कहा की जनता का मोह अब मोदी सरकार के वादों से भंग होने लगा है। ऐसे में भले ही केंद्र सरकार किसानों की बात को भी अनसुना कर रही है, लेकिन कांग्रेस हमेशा अन्नदाताओं के साथ खड़ी रहेगी। उन्होंने किसान आन्दोलन को दबाने के लिए उन्हें नक्सलवादी और खालिस्तानी समर्थक बताये जाने के बीजेपी नेताओं के आरोपों को भी अनुचित बताकर कहा की अब दोनों कान पकड़कर केंद्र को किसानों से माफ़ी मांगनी ही पड़ेगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी ने पीएम की शपथ लेने के साथ ही किसानों की आय दोगुना करने का वादा किया था लेकिन महंगाई और बेरोजगारी का गिफ्ट भी लोगों को दे दिया और किसान बी बेहाल हैं।लोगों का विश्वास अब मोदी सरकार के वादों से हटने लगा है। चंद लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए ही इस कृषि कानून बनाए गए हैं जिससे किसान बर्बाद हो जायेंगे इसी के चलते वे सड़कों पर सरकार के खिलाफ खुलकर उतर आए हैं।
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार कैबिनेट से बर्खास्त किये गए पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी इस धरने में मौजूद थे। उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा, कर्मचारियों, बेरोजगारों और माध्यम वर्ग के हितों के साथ कुठाराघात करने का आरोप लगाया और कहा की इस बार अन्नदाताओं की भावनाओं के साथ केंद्र ने खिलवाड़ किया है जो की बर्दाश्त से बाहर है। जिस तरह से किसान आन्दोलन को किसी तरह से बदनाम करने की जिद्दा पर जुटी है , इस बार मोदी सरकार का इलाज होके ही रहेगा। पायलेट ने यह भी चेतावनी दी की किसानों के शांतिपूर्ण आन्दोलन से जरिये इस मसले का कोई हल नहीं निकलता दिख रहा है ऐसे में अब बड़े स्तर पर आन्दोलन के लिए तैयार रहना होगा। पायलट ने कहा की नेता आते हैं जाते हैं पार्टियां बनती है बिगडती है, लेकिन यदि इस काले कानून को लेकर चुप रहते हैं तो आने वाली पीढियां हमें कभी मार नहीं करेंगी।
सचिन पायलट ने कहा कि ये सरकार जिद्द पर अदि है और इसका इलाज जरुरी है इस बार इलाज होक ही रहेगा प्यार मोहब्बत से किसान अपनी बात समझाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन इसका फायदा नहीं हो रहा है ऐसे में आने वाले दिनों में यह आन्दोलन और भी तेज होगा, इस काले कानून पर चूप रहेंगे तो आने वाली पीडियां हमें कभी माफ नहीं करेंगी।
दूसरी तरह जयपुर में सिविल लाईन फाटक के पास हुए इस आन्दोलन में कांग्रेस के तमाम नेता मौजूद थे। ज्यादतर विधायकों ने किसानों के समर्थन में पैदल मार्च निकालकर अपना शक्ति प्रदर्शन भी किया। जाहिर है की भले ही राजस्थान में खुद की सरकार होने के चलते राजभवन से कुछ ही दूरी पर धरना देकर कांग्रेस ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने की पूरी कोशिश कर दी है लेकिन इस धरना प्रदर्शन से यह भी संकेत दे दिया की आने वाले दिनों में भी किसान आन्दोलन के मुद्दे के जरिये वह केंद्र सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ने वाली है।