मोदी सरकार के लिए राहत वाली खबर, IMF ने कृषि कानूनों को बताया जरूरी
कृषि कानूनों को निरस्त करने पर अड़े किसानों के आंदोलन और सुप्रीम कोर्ट की कानूनों को अमल में लाए जाने पर रोक से दबाव में आई मोदी सरकार के लिए यह बेहद राहत भरी खबर है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने मोदी सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानूनों को महत्वपूर्ण माना है. आईएमएफ के मुताबिक इससे कृषि क्षेत्र में बड़ा सुधार होगा. इसके साथ ही आईएमएफ ने मोदी सरकार को भी चेताते हुए कहा है कि प्रभावित होने वाले किसानों को सरकार अधिक सुरक्षा सुनिश्चित करे.
आईएमएफ के मुताबिक इससे आएगा सुधार
गौरतलब है कि किसान संगठनों और मोदी सरकार के बीच आज बातचीत का 9वां दौर जारी है. इसके साथ ही किसान भी 51वें दिन अपने आंदोलन पर डटे हुए हैं. ऐसे में कृषि कानूनों पर आलोचनाओं का सामना कर रही मोदी सरकार के लिए राहत की खबर है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का मानना है कि इन तीनों कृषि कानूनों में कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार लाने की क्षमता है. साथ ही यह भी कहा है कि कृषि कानून के लागू होने और नए सिस्टम में जाने के दौरान जिन लोगों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, उनके लिए सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना भी बहुत जरूरी है.
आईएमएफ ने माना दलालों की भूमिका होगी कम
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के डायरेक्टर ऑफ कम्युनिकेशंस गेरी राइस ने कहा कि नए कृषि कानून बिचौलियों की भूमिका को कम करेंगे और दक्षता को बढ़ाएंगे. वॉशिंगटन में राइस ने गुरुवार को एक पत्रकार वार्ता में कहा कि हमारा मानना है कि कृषि कानूनों से भारत के कृषि सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा. उन्होंने आगे कहा, इन कानूनों की वजह से किसान सीधे विक्रेताओं से संपर्क करने में सक्षम बनेंगे, दलालों की भूमिका कम होने से किसानों को अधिक फायदा होगा और इससे ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा. हालांकि उन्होंने इन कानूनों से प्रभावित होने वाले लोगों के लिए सुरक्षा मुहैया कराए जाने की भी वकालत की.
हालांकि मोदी सरकार को नसीहत भी दी
भारत में नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में गेरी राइस ने कहा, ‘हालांकि, इन नए कानूनों की वजह से प्रभावित होने वाले संभावित किसानों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना बहुत अहम है. उन्होंने कहा कि इन सुधारों की वजह से प्रभावित होने वाले लोगों को रोजगार सुनिश्चित कर ऐसा किया जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि इन कृषि कानूनों से मिलने वाले लाभ इनकी प्रभाविकता और इनके लागू करने की टाइमिंग पर भी निर्भर करेंगे, इसलिए सुधारों के साथ उन मुद्दों पर भी ध्यान देने की जरूरत है.