September 21, 2024

किसान आंदोलन का 58वां दिन, किसान संगठनों और सरकार के बीच आज अहम मीटिंग

किसानों के आंदोलन का आज 58वां दिन है। हाड़ गला देने वाली ठंड के बीच  कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर डटे हुए हैं। वहीं आज किसान संगठनों और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच 11वें दौर की अहम बैठक होने जा रही है। यह बैठक 12 बजे विज्ञान भवन में होगी। साथ ही किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने पर अड़े हुए हैं। इधर, किसान संगठनों की तरफ से दबाव बढ़ाने के लिए यह चेतावनी दी गई है कि वे 26 जनवरी को लाल किला से इंडिया गेट ट्रैक्टर रैली निकालेंगे।

इससे पहले गुरुवार को सरकार के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है जिसमें किसानों को डेढ साल तक कृषि कानूनों को निलंबत कर कमिटी बनाने की सिफारिश की गई थी। किसान संगठनों ने खारिज कर दिया है और तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं।

किसानों का कहना है कि सरकार जब तक कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती, सरकार का कोई भी प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया जाएगा। हम सरकार को कहेंगे कि इन कानूनों को वापस कराना, MSP पर कानूनी अधिकार लेना यही हमारा लक्ष्य है। हमने सर्वसम्मति से ये निर्णय लिया है।

10वें दौर की बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने किसानों ने कहा था कि नए कृषि कानूनों में सुधारों के लिए एक कमेटी का गठन किया जा सकता है और जब तक यह कमेटी किसी निष्‍कर्ष पर नहीं पहुंचती है, तब तक कानूनों पर रोक लगी रहेगी। उन्‍होंने कहा कि अगर किसानों को सरकार की इस बात पर भरोसा नहीं है तो केंद्र सरकार इस बारे में सुप्रीम कोर्ट में भी हलफनामा देने को तैयार है।

आपको बता दें कि कड़ाके की सर्दी और  गिरते पारे के साथ-साथ कोरोना के खतरों के बीच 26 नवंबर से बड़ी तादाद में किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर डटे हैं। लेकिन किसान और सरकार के बीच अबतक इस मसले पर अबतक कोई सहमति नहीं बन पाई है। बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी किसान सिंधु, टिकरी, पलवल, गाजीपुर सहित कई बॉर्डर पर डटे हुए हैं। इस आंदोलन की वजह से दिल्ली की कई सीमाएं सील हैं।


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