उत्तराखंड की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी सृष्टि गोस्वामी, ‘नायक’ स्टाइल में लिए कई अहम फैसले
देहरादून: रविवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर हरिद्वार की रहने वाली सृष्टि गोस्वामी एक दिन की मुख्यमंत्री बनी। महज 19 साल की सृष्टि ने अपने इस एक दिन के कार्यकाल में सरकार के कामकाज को लेकर समीक्षा बैठक की। देहरादून स्थित विधानसभा में उन्होंने कई मंत्रियों, आईएएस, आईपीएस अधिकारियों को निर्देश भी दिए।
एक दिन की सीएम सृष्टि ने विधानसभा में आयोजित समीक्षा बैठक में डीआईजी को लड़कियों को स्कूल तक पहुंचने के लिए सुरक्षित माहौल देने के निर्देश दिए, वहीं पीडब्ल्यूडी को भी प्रदेश के जर्जर पुलों को भी ठीक करने को कहा। सृष्टि ने 13 विभागों की समीक्षा बैठक ली।
सृष्टि गोस्वामी श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम और प्लान इंडिया संस्था की तरफ से गठित होने वाली बाल विधानसभा की सीएम भी हैं। ऐसे में उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने उन्हें रविवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस पर अपने मंत्रीमंडल के सदस्यों और विधायकों सहित विधानसभा में आकर, बतौर सीएम विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक करने का अवसर दिया।
सृष्टि गोस्वामी हरिद्वार जिले के दौलतपुर गांव की रहने वाली हैं। सृष्टि बीएसएम पीजी कॉलेज रुड़की में बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई कर रही है। मई 2018 वह उत्तराखंड बाल विधानसभा की मुख्यमंत्री बनी। सृष्टि के पिता प्रवीन व्यापारी हैं और मां सुधा गोस्वामी गृहणी है।
डीआईजी को दिए निर्देश
बैठक में डीआईजी निलेश भरणे ने पुलिस के काम काज का विवरण रखा। इस पर सृष्टि ने उन्हें शिक्षण संस्थानों के 500 मीटर दायरे में नशे के कारोबार पर पूरी तरह रोक लगाने और झुग्गी बस्ती में नशे का जाल फैलाने वाले तस्करों पर सख्ती के लिए कहा।
ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को लेकर आदेश
सृष्टि ने प्रभारी सचिव सामान्य प्रशासन वी षणमुगम को अगली बाल विधानसभा का आयोजन ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के विधानभवन में आयोजित करने के कहा। आपको बता दें इससे पहले भी कई बार त्रिवेंद्र सिंह रावत भी गैरसैंण में विधानसभा सत्र का आयोजन कर चुके हैं।
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को निर्देश
मुख्यमंत्री सृष्टि गोस्वामी ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को प्रदेश के सभी जर्जर पुलों का सर्वे कर, उनकी तत्काल मरम्मत करने को कहा। उन्होंने राज्य के पुलों पर चिंता जाहिर कर अधिकारियों से जल्द ही मरम्मत करने को लेकर कई चीजों पर चर्चा भी की।