किसान आंदोलन: सड़क से संसद तक संग्राम, वामपंथी संगठनों का आज मंडी हाउस से जंतर मंतर तक मार्च
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 70वां दिन है। बड़ी तादाद में किसान अब भी दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसान अभी भी कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। वहीं दूसरी तरफ किसानों के मुद्दे पर संसद में भी हंगामा शुरू हो गया है। विपक्ष संसद में स्थगन प्रस्ताव पर अड़ गया है। विपक्षी दल आज भी किसानों के मुद्दे पर संसद में हंगामा कर सकते हैं। कल भी हंगामे के बाद कई बार सदनों को स्थगित किया गया था। जिसके बाद दोनों सदनों की कार्यवाही को आजतक के लिए स्थगित कर दिया गया था।
वहीं आज मंडी हाउस से लेकर जंतर मंतर तक किसानों के समर्थन में मार्च का भी ऐलान किया है। किसान आंदोलन के समर्थन में वामपंथी संगठनों का आज मंडी हाउस से जंतर मंतर तक मार्च होगा। मार्च दोपहर 12 बजे शुरु होगा। जेएनयूएसयू, एआईसीसीटीयू, एआईपीडब्ल्यूए, एआईएसए, एआईएसएफ, अनहद, सीवाईएसएस, डीएसएफ जैसे संगठन में इसमें शामिल होंगे।
इन सबके बीच आज सुप्रीम कोर्ट में 26 जनवरी को हुई हिंसा को लेकर दाखिल की गई याचिकाओं पर सुनवाई होगी। CJI एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच इस पर सुनवाई कर सकती है। एक याचिका में जांच के लिए आयोग के गठन का भी अनुरोध किया है। वहीं 26 तारीख की घटना की भी जांच-पड़ताल की मांग की गई है। दूसरी याचिका में मीडिया को किसान आंदोलन की कवरेज के लिए दिशा-निर्देश देने की अपील है। साथ ही किसानों को आतंकवादी कहने पर रोक लगाने का अनुरोध किया है।
इधर आज उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनजर औऱ बागपत में किसानों की महापंचायत के बाद आज हरियाणा के जींद में सर्वखाप की महापंचायत होगी। कंडेला खाप पंचायत में राकेश टिकैत भी शामिल होंगे। वहीं बताया जा रहा है कि करीब 50 खापों के लोग जींद महापंचायत में भाग लेंगे। महापंचायत में हजरों लोगों के शामिल होने की उम्मीद है जो किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए आगे आएंगे। साथ ही रुड़की के मंगलोर में भी आज किसानों की महापंचायत होगी। कृषि कानूनों को लेकर चल रहे आंदोलन को समर्थन दे सकते हैं।
आपको बता दें कि किसानों के आन्दोलन स्थल पर पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है। टिकरी बॉर्डर पर सड़क पर बड़ी-बड़ी कील लगाने के बाद प्रशासन ने सिंघु बॉर्डर पर बैरिकेडों को सीमेंट से जोड़ कर मोटी दीवार बना दी है। गाजीपुर बॉर्डर पर भी दिल्ली की तरफ से कंटीली तारें लगा दी गई है। इस घेरेबंदी से स्थानीय आम लोग तो परेशान हो ही रहे हैं, आंदोलन कर रहे किसान भी एतराज जता रहे हैं। किसान संगठन घेरेबंदी में ढील दिए जाने की मांग कर रहे हैं। पुलिस और आंदोलनकारी किसानों में खटास इस कदर बढ़ गई है कि सोमवार को जब पुलिस ने ड्यूटी कर रहे जवानों का मनोबल बढ़ाने के लिए सिंघु बॉर्डर पर देशभक्ति गानें बजाए तो गानों की ऊंची आवाज को लेकर किसानों ने आपत्ति दर्ज कराई।
दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन वाली जगहों पर पुलिस का पहरा लगातार बढ़ रहा है। दूसरी तरफ किसान संगठनों ने 6 फरवरी को देशभर में चक्का जाम का एलान कर दिया है। आंदोलन के समर्थन में 4 फरवरी को दिल्ली के बवाना में महा पंचायत की तैयारी चल रही है। यानी 26 जनवरी के झटके के बाद नए सिरे से आंदोलन तेज की जा रही है।