उत्तराखण्ड आपदा: जब सीएम ने मोर्चा संभाला, तो प्रशासनिक मशीनरी भी रही हरकत में
चमोली/देहरादून: उत्तराखण्ड में उत्तरकाशी के भूकम्प और केदारनाथ जैसी प्राकृतिक आपदाएं आती रही हैं। कुदरत के इस कहर पर किसी का बस भी नहीं हे। प्राकृतिक आपदाओं को रोका भी नहीं जा सकता है, लेकिन कुशल प्रबंधन के जरिये इससे होने वाले नुकसान का कम किया जा सकता है। उचित आपदा प्रबंधन के चलते ये बात उत्तराखण्ड के मुखिया त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने साबित भी कर दी है।
सुबह रैणी में आए कुदरत के इस कहर की सूचना पाते ही सीएम त्रिवेन्द्र रावत ने तुरन्त मोर्चा संभाला। वे ग्राउंड जीरो पहुंचे तो प्रदेश की तमाम मशीनरी में हरकत में आ गई। इससे समय रहते नदी किनारे के इलाकों को खाली करवाया गया जिससे जनहानि में कमी आई। मुख्यमंत्री के मौके पर पहुंचने पर सरकारी मशीनरी और रेस्क्यू टीम में भी नया ऊर्जा का संचार हुआ। मुख्यमंत्री खुद राहत एवं बचाव कार्यों की माॅटिरिंग कर रहे हैं। उन्होंने चमोली जिले में रैणी, तपोवन आदि प्रभावित क्षेत्रों का दौरा भी किया।
त्रिवेन्द्र रावत का कुशल प्रबन्धन
सीएम रावत खुद आपदाग्रस्त क्षेत्र में पहुंचे। उन्होंने तुरन्त श्रीनगर बांध के पानी को खाली करने के निर्देश दिए और टिहरी बांध के पानी रोकने के निर्देश दिए। जिससे मैदानी क्षेत्रों में पानी के प्रवाह को रोका जा सके। उनके इस फैसला से मैदानी क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति पैदा नहीं हुई। जिससे बड़े नुकसान से बचा जा सका।
अफवाहों को रोकने में रहे कामयाब
आपदा की खबर के बाद लोग पैनिक ना हो इसका भी मुख्यमंत्री ने ख्याल रखा। वे सोशल मीडिया के जरिये लगातार जनता के सम्पर्क में रहे। मौके पर होने के चलते वे लोगों को वस्तुस्थिति की जानकारी देते रहे। उन्होंने लोगों से अफवाह ना फैलाने की अपील की। इससे जनता को इस हादसे की सही जानकारी मिलती रही।
युद्ध स्तर पर चल रहा है बचाव कार्य
आपदाग्रस्त क्षेत्र से लौटे मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने जानकारी दी कि राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। आईटीबी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के जवान लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। अभी तक 15 लोगों को सकुशल बचाया गया है जबकि 7 शव मलबे से निकाले गए हैं। सड़क से कटे 17 गांवो को राहत पहुंचाने के लिए सेना के हेलीकाप्टरों की मदद ली जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा है रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाई जा रही है। 24 घंटे रेस्क्यू आपरेशन चलेगा ताकि हर व्यक्ति को रेस्क्यू किया जा सके।
संसाधनों की नहीं है कमी
मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत एवं बचाव कार्यों के लिए प्रदेश में संसाधनों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने का कि संसाधनों की कमी का हवाला देकर राहत कार्यों में बाधा नहीं आनी चाहिए। आपदाग्रस्त क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए डाक्टरों की टीम भी मौके पर भेजी गई। गंभीर तौर पर घायल लोगों को हायर सेंटर भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि जरूरत महसूस हुई हैली सेवाओं की मदद ली जाएगी।
केन्द्र का मिला सहयोग
प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड सरकार को पूरा सहयोग देने का दिया भरोसा। गृह मंत्री ने भी पूरा सहयोग देने के लिए कहा। उत्तराखंड की मदद के लिए पूरे देश भर से सहयोग मिल रहा है।