September 21, 2024

बड़ी खबर: देहरादून में कोर ग्रुप की बैठक, दिल्ली में त्रिवेंद्र विरोधियों के छूटे पसीने

देहरादून: ‘सूत ना कपास, जुलाहों में लठ्ठम लठ्ठ’ कुछ ऐसा ही हाल हो चला है उत्तराखण्ड में त्रिवेन्द्र विरोधियों का। प्रदेश में त्रिवेन्द्र सरकार के सफल चार साल 18 मार्च को पूरे होने जा रहे हैं। इसको लेकर सरकार और संगठन बड़े पैमाने पर प्रदेश में कार्यक्रम की तैयारियों में जुटी हुई है। इस दौरान प्रदेश में बजट सत्र के फौरन बाद कैबिनेट विस्तार भी होना है। इसको लेकर केन्द्र ने प्रदेश में पर्यवेक्षक भेजे हैं। पर्यवेक्षक सीएम रावत से बात कर कैबिनेट विस्तार व अन्य मुद्दों पर विस्तार से चर्चा कर रहे हैं।

लेकिन हाल ये कि त्रिवेन्द्र विरोधी इसमें भी केन्द्रीय पर्यवेक्षकों के देहरादून आगमन की घटना को सीएम त्रिवेन्द्र रावत के खिलाफ हवा बनाने में तुले हुए हैं। दरअसल, पार्टी की भावी रणनीति तय करने को लेकर छतीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और दुष्यंत कुमार केन्द्रीय पर्यवेक्षक के तौर देहरादून आये। नये केबिनेट में फेरबदल को लेकर रायशुमारी के लिए केन्द्रीय पर्यवेक्षकों ने उत्तराखंड बीजेपी कोर ग्रुप के साथ वार्ता कर रहे हैं। लेकिन त्रिवेन्द्र विरोधी इस घटना को मीडिया और सोशल मीडिया में त्रिवेन्द्र विरोध के तौर पर हवा देने में लगे हैं। खासकर एक नीजी टीवी चैनल इस षड्यंत्र में कुछ ज्यादा ही भूमिका अदा कर रहा है। ये वही चैनल है जो सरकार पर पिछले एक वर्ष मोटे विज्ञापन का दबाब बना रहा है और विज्ञापन ना देने की शर्त पर सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। जानकारी के अनुसार इस चैनल को उत्तराखंड के एक बीजेपी के राष्ट्रीय नेता द्वारा मैनेज किया जा रहा है। जो समय-समय पर सरकार को अस्थिर करने जैसा प्रचारित कर रहा है।

केंद्रीय की तिगड़ी, त्रिवेंद्र के विकास के विरोधी

दिल्ली में जमी नि.भ.ब की तिगड़ी पिछले 4 साल से मौजूदा सरकार को अस्थिर करने की असफल कोशिश करती आ रही है। प्रदेश में कई विकास कार्यों से सीएम रावत को उत्तराखंड की जनता का साथ मिला जिससे दिल्ली में नि.भ.ब. की तिगड़ी बौखलाई हुई है। त्रिवेंद्र ने विकास मॉडल से इस तिगड़ी को हाशिये में खड़ा कर दिया है। लेकिन त्रिवेंद्र रावत के विकास के मॉडल को केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने हरी झंडी दे दी है। जिसको लेकर राज्य कैबिनेट में फेरबदल के साथ-साथ त्रिवेंद्र को 2022 विधानसभा चुनावों को लेकर भी कमान सौंपी है। केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने भी माना कि प्रदेश में त्रिवेंद्र सरकार मॉडल ने विकास को एक धार दी है। जिससे आम जनमानस में मोदी मॉडल को त्रिवेंद्र सरकार आगे बड़ी भूमिका अदा कर रही है।

कांग्रेस से हरदा का मिला समर्थन

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी त्रिवेंद्र रावत के समर्थन में आगे आएं हैं। सोशल मीडिया के जरिए उन्होंने भाजपा के उन नेताओं पर निशाना साधा जो प्रदेश सरकार को अस्थिर करने में लगे हैं। हरीश रावत ने मौजूदा सीएम त्रिवेंद्र रावत की सराहना करते हुए कहा, कि त्रिवेंद्र विरोधियों को यह नही भूलना चाहिए, कि इस छोटे प्रदेश में राजनैतिक षड्यंत्र राज्य के हित में नही है। स्थाई सरकार से ही विकास का रास्ता खुलेगा।

सीएम आवास में कोर कमेटी की बैठक

उत्तराखंड सरकार के चार साल पूरे होने पर और 2022 विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीति तैयार करने को लेकर भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक रमन सिंह और दुष्यंत कुमार गौतम दून पहुंच गए हैं। सीएम आवास में प्रदेश भाजपा कोर कमेटी की बैठक चल रही है। बैठक में कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चा हुई। वहीं बैठक से जुड़े सूत्रों की माने तो जल्द त्रिवेंद्र कैबिनेट में तीन नए चेहरे शामिल होंगे। साथ ही कुछ वरिष्ठ विधायकों को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इसके लिए उत्तराखंड कोर ग्रुप ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को स्वतंत्र निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है। साथ ही बैठक में निर्णय लिया गया है कि त्रिवेंद्र सरकार के 4 साल पूरे होने पर “विकास के 4 साल: बातें कम काम ज्यादा” कार्यक्रम में जनता को सरकार की नीतियों के बारे में बताया जाएगा। इसमें विधायकों, कैबिनेट मंत्रियों को प्रत्येक विधानसभा में कार्यक्रमों के जरिए जन-जन तक पहुंचाया जाएगा।

बैठक से निकले सीएम, बातों में पारदर्शिता बनाने को लेकर लिया फैसा

केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में उत्तराखंड कोर ग्रुप की बैठक में तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई। जिसमें सीएम रावत के नेतृत्व में बीजेपी के चार साल के कार्यकाल की समीक्षा की गई। इस बैठक में सीएम ने एक बड़ी नाजिर पेश की, सीएम बैठक से बाहर आ गए ताकि सभी मंत्री, विधायक, सांसद व पदाधिकारी सीएम को लेकर अपनी बात पारदर्शिता के साथ रख सके।


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