त्रिवेंद्र मस्त, विरोधी पस्त: सफल सीएम के तौर पर उभरे TSR
देहरादून: बेमिसाल चार साल पूरा कर चुकी त्रिवेंद्र सरकार की कई उपलब्धियां रही। चाहे गैरसैंण को राजधानी का दर्जा हो या फिर मंडल बनाने का निर्णय। चाहे प्रदेश में सड़कों का जाल बनाना हो या फिर महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देना हो। सीएम रावत ने इन चार सालों में शिक्षा, स्वास्थ्य और अनेकों चीजों को लेकर काम किया। उनके कुछ विरोधियों को ये भी पंसद नही आया और सरकार को अस्थिर करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया। लेकिन कोर ग्रुप की इस बैठक ने ये साबित कर दिया है त्रिवेंद्र रावत उत्तराखंड के सफल सीएम बनकर उबरे हैं।
उत्तराखंड राज्य बने हुए 20 साल हो गए है, लेकिन यहाँ की राजनिति कभी स्थिर नही रही है। जब जब कोई मुख्यमंत्री बना है, उसे हटाने के रोज नए षड्यंत्र रचे जाते है। किसी न किसी बहाने राजनीतिक चर्चाएं गर्म रहती है, ताकि सरकार को अस्थिर किया जा सके। आज भी ऐसा ही हुआ, जब तेजी से सोशल मीडिया और कुछ चैनलों में प्रायोजित खबरे चलाई गई कि सीएम त्रिवेंद्र बदले जा सकते है। लेकिन हर बार की तरह इस बार भी त्रिवेंद्र के विरोधी पस्त हुए है।
सीएम त्रिवेंद्र भले ही गली गली में जाकर भुट्टे न खाते हो, किसी दुकान पर जाकर जलेबी न खाते हो, लेकिन वो कभी अपने लोगों को झूठे वादे करके बेवकूफ नही बनाते है। सीएम की छवि बेहद ही सरल और स्पष्ठवादी रही है। शायद यही कारण है कि कुछ लोग उन्हें पसन्द न करते हो, लेकिन सीएम त्रिवेंद्र अपनी माटी और राज्य के विकास के लिए वचनबद्ध है।
जब से त्रिवेंद्र सीएम बने है, तब से उनके विरोधी उनको सत्ता से बाहर करने में लगे हुए है, जिसके लिए समय-समय पर ऐसी अफवाहें चलाई जाती रही है, की सीएम अब हटे तब हटे। अब जबकि त्रिवेंद्र सरकर अपने चार साल पूरे करने जा रही है और एनडी तिवारी के बाद त्रिवेंद्र ही ऐसे सीएम होंगे, जो पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे, तब फिर से ऐसी अफवाहें फैलाई जा रही है कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन होने जा रहा है।
अब राज्य की जनता भी समझ चुकी है कि राज्य में प्रचंड बहुमत की त्रिवेंद्र सरकार ही मजबूत नेतृत्व दे सकती है। आज देहरादून में केवल कोर ग्रुप की बैठक आयोजित हुई, जिस पर त्रिवेंद्र के विरोधी सक्रिय हुए और खूब अफवाहें फैलाई गई। लेकिन फिर वही हुआ, जो इन 4 सालों में हुआ, त्रिवेंद्र अजेय है और उनके विरोधी पस्त है। अजेय त्रिवेंद्र फिर से राज्य में भाजपा की सरकार बनाएंगे।