अंतरकथा: भयभीत विधायकों के कसे जाएंगे पेंच, टीएसआर को दी आलाकमान ने पूरी छूट
दिल्ली। उत्तराखण्ड की राजनीति का पटाक्षेप टीएसआर के बढ़ती ताकत के साथ हुआ। उत्तराखण्ड की राजनीति में अब तक मजबूत पकड़ रखने वाले और राजनीति को घर की खेती समझने वाले एक विशेष वर्ग द्वारा सुनियोजित तरीके से टीएसआर के ‘पर कतरे जाएंगे’ जैसी मनगढ़त अंतरकथा खबरों के माध्यम से उड़ाई जा रही है। दरअसल टीएसआर मॉडल पर न सिर्फ दिल्ली आलाकमान ने मुहर लगाई है। बल्कि भय और असंतोष फैला रहे विधायकों और मंत्रियों के पर कतरने की पावर भी त्रिवेन्द्र सिंह रावत को दे दी है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दो दिन पहले सीएम रावत की घेराबंदी करने वाले विधायकों को मंगलवार को सीएम रावत के आवास पर परेड करने का फरमान दिल्ली और नागपुर से दे दिया गया है। यही नहीं विधायकों को ये भी संकेत दे दिये गये हैं कि टीएसआर की मुखालफत का मतलब 2022 पार्टी के सिंबल हाथ धोना भी हो सकता है।
उत्तराखण्ड की राजनीति में आये दिन एक सुनियोजित तरीके से टीएसआर सरकार के खिलाफ षडयंत्र का जाल बुना जाता है। यह जाल बुनने वाले कभी इस बात पर बहस नहीं करते कि राज्य के विकास के लिए क्या मॉडल होना चाहिए ना ही यह षडयंत्रकारी सरकार की नाकामियों को गिना पाते हैं। इनका एक ही मकसद होता है कि टीएसआर सरकार का कैसे तख्ता पलट किया जाए। इसके लिए यह षडयंत्रकारी गु्रप जयचंदो के सहारे त्रिवेन्द्र रावत के अभेद किले पर हमला करना तो चाहते हैं लेकिन हर बार इनका हमला बेनकाब साबित होता है। दरअसल त्रिवेन्द्र सिंह रावत जिस माडल पर राज्य में राजनीति कर रहे हैं वह दिल्ली आलाकमान यूं कहें तो वह मोदी मॉडल को ही आगे बढ़ा रहे हैं। इसीलिए उनके विरोधियों को लगता है कि त्रिवेन्द्र रावत उत्तराखण्ड की राजनीति में राजनीतिक पारी पूरी कर लेते हैं तो उनका किला ना सिर्फ मजबूत हो जाएगा बल्कि उसे ढहाने का दुस्साहस भी वो नहीं कर पायेंगे। इसलिए उन्हें हर मौके उस मौके की तलाश जहां त्रिवेन्द्र के विकास मॉडल को बदनाम किया जाए। लेकिन ये त्रिवेन्द्र है जो विरोधियों के हमले से कभी विचलित नहीं होते।
कोर ग्रुप की रिपोर्ट रही अहम
देहरादून भेजे गए विशेष पर्ववेक्षकों ने कोर गु्रप और प्रमुख नेताओं से इस मामले में चर्चा की। सांसदों और विधायकों से रायशुमारी की गई। जिसमें सभी ने त्रिवेन्द्र सिंह रावत पर भरोसा जताया है। और टीएसआर मॉडल को उत्तराखण्ड के विकास के लिए जरूरी बताया है। राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी, सांसद अजय भट्ट, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत और पार्टी के उत्तराखण्ड प्रभारी दुष्यंत गौतम ने भी त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में चुनाव मैदान में उतरने की बात से आलाकमान को अवगत कराया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष व गृहमंत्री ने दी सीएम रावत को पूरी छूट
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने संसद भवन मे पार्टी अध्यक्ष जे०पी०नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह के साथ-साथ संगठन महासचिव बी.एल. संतोष ने उत्तराखण्ड भेजे डा. रमन सिंह और उत्तराखण्ड प्रभारी दुष्यंत गौतम की रिपोर्ट पर वन टू वन चर्चा की। इस दौरान सीएम रावत से भी उत्तराखण्ड के विकास माडल पर चर्चा की गई जिसमें सीएम रावत ने आलाकमान को अवगत कराया कि उनकी प्राथमिकता राज्य में विकास के साथ-साथ जीरो टॉलरेंस और सुशासन कायम करना है। उन्होंने यह भी बताया कि इस तरीके के काम-काज लोगों को आपत्तियां हैं। जिसके बाद आलाकमान ने सीएम रावत को मोदी मॉडल पर काम करने की खुली छूट दी है। पार्टी हाईकमान ने गहन मंथन के बाद फैसला लिया है कि उत्तराखण्ड में सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत के चेहरे पर पार्टी चुनाव मैदान में उतरेगी।