साधु से सेवक किताब में दिखा मोदी का उत्तराखंड प्रेम, इन जगहों से है खास लगाव
नई दिल्ली: वरिष्ठ पत्रकार मनजीत नेगी ने अपनी नई पुस्तक ‘साधु से सेवक’ की पहली प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भेंट की। यह पुस्तक नरेंद्र मोदी के शुरुआती जीवन की आध्यात्मिक यात्रा पर आधारित है। इसमें विशेष रूप से उत्तराखंड में विभिन्न स्थलों में बिताए गए दिनों और घटनाओं को प्रस्तुत किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुलाकात के दौरान अपने उत्तराखंड से जुड़ाव और शुरुआती सफर को याद करते हुए कई आध्यात्मिक स्थलों का जिक्र किया। साथ ही पिथौरागढ़ जिले के नारायण आश्रम, रामकृष्ण कुटीर अल्मोड़ा, केदारनाथ स्थित गरूड़चट्टी और दयानंद आश्रम ऋषिकेश से जुड़ी कई बातें साझा की।
इस पुस्तक की प्रस्तावना केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लिखी है। इसमें वह लिखते हैं कि ‘साधु में सेवक पुस्तक हमें एक ऐसे अद्वितीय प्रतिभाशाली बालक की जीवंत कथा बताती है, जो आदर्श और परिश्रमी माता-पिता के सद्संस्कारों और समाज व राष्ट्र के लिए समर्पण का संकल्प लेने वाले वैचारिक अधिष्ठान की सीख के साथ राष्ट्र का समर्पित सेवक सिद्ध हुआ है।
अभावों, संकटों और संघर्षों से निकला यह परिष्कृत व्यक्तित्व आज हम सबको दिशा दे रहा है और देश के मान-सम्मान को शीर्ष पर पहुंचा रहा है। विश्व के कोने-कोने और भारत के जन-जन के मन में मौजूद देश के प्रधानमंत्री की साधु से सेवक की यह यात्रा गौरवपूर्ण है और प्रत्येक भारतीय को विस्मित करने वाली है।’
मनजीत नेगी के मुताबिक, उन्हें यह पुस्तक को लिखने की प्रेरणा वर्ष 2012 में गुजरात विधानसभा चुनाव कवर करने के दौरान वडनगर में नरेंद्र मोदी के शुरुआती जीवन पर डॉक्यूमेंट्री बनाते वक्त मिली। इसके बाद मैंने उनकी आध्यात्मिक यात्रा के सभी पड़ावों का सफर किया। वहां से मिले अनुभव और नरेंद्र मोदी के करीब रहे महानुभावों से साक्षात्कार के आधार पर यह प्रयास पुस्तक तैयार हुई है।
इस पुस्तक को लिखने में हिंदू धर्म आचार्य सभा के महासचिव स्वामी परमात्मानंद सरस्वती का विशेष योगदान रहा है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आध्यात्मिक गुरु ब्रह्मलीन दयानंद सरस्वती के शिष्य हैं और उन्होंने पीएम मोदी की आधात्मिक यात्रा को करीब से देखा है।
इस पुस्तक को प्रभात प्रकाशन ने छापा है। जल्द ही इसका विमोचन होने वाला है। इससे पहले मनजीत नेगी केदारनाथ आपदा पर आधारित पुस्तक ‘केदारनाथ से साक्षात्कार’ और उत्तराखंड की विभिन्न शख्सियतों पर ‘हिल वॉरियर्स’ लिख चुके हैं।