एमएस स्वामीनाथन ने MSP को लेकर बनाए थे तीन फॉर्मूले, जानें C2 पर ही क्यों अड़े हैं किसान?
कृषि कानूनों पर देश में चल रहे आंदोलन को समझने के लिए MSP के इतिहास को भी जानना बहुत ही जरूरी है। किसान हमेशा से मांग करते रहे हैं कि उनको अपनी फसल का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है और MSP को लेकर एमएस स्वामीनाथन के C2 फॉर्मूले को लागू किया जाना चाहिए।
देश में MSP को लेकर विवाद काफी लंबे समय से हैं, क्योंकि किसान कहते हैं कि इसको बढ़ाया जाना चाहिए। लेकिन सरकार इसके मूड में काफी कम ही दिखती है। एमएस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में साल 2004 में एक आयोग का गठन किया गया था, जिसको राष्ट्रीय कृषक आयोग कहा जाता है। उसने MSP को लेकर सरकार को 3 सलाह दी।
MSP को लेकर एमएस स्वामीनाथन की सलाह
1: A2 – इसका मतलब है कि यह जोड़ा जाए कि किसान ने कितनी कीमत के बीज लगाए, कितनी कीमत के रसायन लगाए, कितनी कीमत के कीटनाशक लगाए और जो खर्च हुआ उसको जोड़कर MSP तय कर दिया जाए।
2: A2+FL- हालांकि यह पर्याप्त नहीं है, क्योंकि किसान के परिवार ने इसमें काम भी किया। इसलिए A2 को लेकर किसान के परिवार के श्रम को जोड़कर इसकी कीमत यह की जानी चाहिए।
3: C2 – इसमें कहा गया है कि A2+FL के बाद जो कीमत आती है, उसके बाद भी किसान दूसरे खर्चे करता है जिसको इसमें रखा गया है। इसमें किसान की जमीन का किराया, जो पूंजी लगाता है उसका ब्याज को भी जोड़ते हैं।
स्वामीनाथन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अगर किसानों के साथ न्याय करना है तो C2 को 1.5 से गुणा करने पर जो कीमत आती है, असल में वह MSP होना चाहिए। अभी किसानों को A2+FL का 1.5 गुणा मिलता है।
सिर्फ 23 फसलों पर ही MSP क्यों?
सरकार सिर्फ 23 फसलों पर ही MSP देती है, लेकिन बाकी उत्पाद करने वाले लोग भी MSP की मांग उठाते हैं।
करप्शन: FCI जिस तरह से फसल खरीदता है, उसको लेकर हमेशा विवाद रहता है और कभी-कभी तक यह खबर मीडिया की सुर्खियां भी बनती है।
गोदाम: सरकार की तरफ से FCI को फसल खरीदने की मंजूरी तो है, लेकिन यह भी सच है कि गोदाम की कमी के कारण बड़ी तादाद में अनाज सड़ता है।
महंगाई: MSP में आने के बाद अनाज का रेट बढ़ जाता है, जिससे खाद्य की कीमत बढ़ जाती है। यह करप्शन और दूसरी चीजों के कारण भी होगा है, ऐसे में जिस अनुपात से किसी भी देश में महंगाई बढ़ेगी, उसकी के आधार पर गरीबी भी बढ़ती है।
पानी की समस्या: जिन फसल में किसानों को MSP मिलती है, उसकी को उगाया जाता है जिससे पानी की समस्या पैदा होती है। ऐसे में दूसरी फसल को नहीं उगाया जा रहा है।