भारत के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बीच पाकिस्तान ने अलापा शांति का राग
पाकिस्तान हाई कमीशन के अधिकारी आफताब हसन खान ने मंगलवार को कहा कि उनका देश अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध रखना चाहता है। युद्ध के बजाय हम गरीबी और अशिक्षा को खत्म करने की दिशा में एक साथ मिलकर काम करें। यह तभी संभव होगा जब शांति होगी।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान उच्चायोग के कार्यवाहक प्रमुख आफताब हसन खान ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच का विवाद केवल बातचीत से ही सुलझ सकता है।
हसन खान ने कहा, “पाकिस्तान अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध रखना चाहता है, यह केवल शांति के साथ संभव होगा और इसके लिए मुद्दों को बातचीत से हल किया जाना चाहिए।”
खान का बयान उस समय आया है, जब दोनों देश 1960 सिंधु जल संधि के तहत दिल्ली में वार्षिक स्थायी सिंधु आयोग की बैठक कर रहे हैं। यह बैठक ढाई साल से अधिक के अंतराल के बाद आयोजित की जा रही है।
भारत-पाकिस्तान के कड़वे रिश्ते
पुलवामा आतंकी हमले और बाद में बालाकोट हवाई हमले के बाद 2019 में भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को पाकिस्तान-आधारित जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर द्वारा CRPF के 40 जवानों के मारे जाने के बाद दोनों परमाणु हथियारबंद पड़ोसियों के बीच तनाव बढ़ गया था।
हमले के कुछ दिनों बाद, भारतीय वायु सेना (IAF) ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट में JeM आतंकी शिविरों को निशाना बनाते हुए हवाई हमला किया।
अगस्त 2019 में दोनों पड़ोसी देशों के संबंधों में एक बार फिर खटास आ गई जब भारत ने धारा 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को रद्द कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया।
इस कदम के बाद, पाकिस्तान ने इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीयकरण करने और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन प्राप्त करने के लिए एक अभियान चलाया, लेकिन यह बुरी तरह विफल रहा। भारत ने कहा कि कश्मीर पर फैसला उसका “आंतरिक मामला” है।