November 24, 2024

रुद्रप्रयाग स्थित नारायण कोटि मन्दिर में आवश्यक सुविधाएं का होगा निर्माण

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देहरादून: भारत सरकार द्वारा विरासत अंगीकरण योजना (विरासत को गोद लेना) के अन्तर्गत रूद्रप्रयाग स्थित नारायण कोटि मन्दिर का अंगीकरण एसएलआरई फाउंडेशन द्वारा किया जायेगा। नारायण कोटि मन्दिर के परिसर में मूलभूत एवं आवश्यक सुविधाएं का निर्माण होगा।

एसएलआरई फाउंडेशन नारायण कोटि मन्दिर में पेयजल, पार्किंग, पथ प्रकाश हेतु लैम्प, कूड़ा निस्तारण, बैंच, प्रवेश द्वारा, चारदीवारी आदि कार्य का निर्माण करेगा। जिसको लेकर फाउंडेशन के साथ एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया जायेगा।

समझौता ज्ञापन पर पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार (प्रथम पक्षकार), उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद् (द्वितीय पक्षकार), महानिदेशक, संस्कृति, उत्तराखण्ड (तृतीय पक्षकार) एवं एसएलआरई फाउंडेशन (चतुर्थ पक्षकार) होंगे।

विरासत के अंगीकरण योजना (विरासत को गोद लेना) केन्द्र सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसके अन्तर्गत महत्वपूर्ण विरासत स्थलों को निजी व्यक्तियों/संस्थाओं द्वारा अंगीकृत करते हुए इनका बेहतर रखरखाव सुनिश्चित किया जाता है।

इस योजना के अन्तर्गत उत्तराखण्ड के महत्वपूर्ण विरासत स्थलों गरतांगगली-नीलांगवैली, पिथौरागढ़ किला, चांयशीलबगांण क्षेत्र, चौरासी कुटिया, सती घाट, नारायणकोटी मन्दिर आदि चयन का किया गया था। सातवें फेज में विशेषज्ञ समिति द्वारा नारायणकोटि मन्दिर, रूद्रप्रयाग का चयन किया गया है।

निजी संस्थाओं द्वारा इन महत्वपूर्ण विरासत स्थलों के रखरखाव होगा और साथ ही राज्य में बेहतर पर्यटन सुविधाओं का सृजन होगा जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

इन प्राचीन धरोहर स्थलों में पर्यटन सुविधाएं विकसित होने से इनके आस-पास के क्षेत्रों में नये पर्यटन स्वरोजगार सृजित होंगे। ऐसा होने पर स्थानीय युवा टूरिस्ट गाईड, होमस्टे, टैक्सीट्रैवल, फास्ट फूड सेन्टर आदि क्षेत्रों में स्वरोजगार प्राप्त कर सकेंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और उत्तराखण्ड राज्य हैरीटेज टूरिज्म के लिए एक आदर्श गन्तव्य बन सकेगा।