मतदान के बीच सरकार ने पीपीएफ सहित छोटी बचत पर फैसला पलटा, अब मिलेगा पुराना ब्याज, कल 1.1 फीसदी तक घटाई थी दरें
सरकार ने छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दर में कटौती के ऐलान को वापस ले लिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज सुबह एक ट्वीट कर यह जानकारी दी। यह करोड़ों लोगों के लिए राहत की खबर है। कल सरकार ने छोटी बचत पर ब्याज दरों में कटौती करके आम लोगों को बड़ा झटका दिया था। इसके तहत पीपीएफ, टर्म डिपॉजिट, आरडी से लेकर बुजुर्गों के लिए बचत योजनाओं तक पर ब्याज दरों में कटौती कर दी थी। कहा गया था कि नई दरें 1 अप्रैल से लागू हो जाएंगी और 30 जून 2021 तक प्रभावी रहेंगी। हालांकिं, आज सरकार ने इस फैसले को बदल दिया है।
इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्विट कर बताया कि 2020-21 की बीती तिमाही में जो दरें थी, वहीं दरें अब लागू होंगी। जो ऑर्डर कल पास किये गये थे, उन्हें बदल दिया गया है। इस फैसले के बाद पुरानी दरें जो 31 मार्च 2021 को थी, वहीं मानी जाएंगी।
आज हो रहा है मतदान
अहम बात यह है कि पश्चिम बंगाल और असम की 69 सीटों पर मतदान हो रहा है। ऐसे में यह एक चुनावी मुद्दी भी विपक्ष के हाथ लग सकता था।
कल की थी भारी कटौती
कल सरकार पोस्ट ऑफिस के बचत खातों में जमा राशि पर वार्षिक ब्याज को 4 फीसदी से घटाकर 3.5 फीसदी कर दिया था। पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) पर अब तक 7.1 फीसदी वार्षिक ब्याज को घटाकर 6.4 फीसदी कर दिया था। एक साल के लिए जमा राशि पर तिमाही ब्याज दर को 5.5 फीसदी से घटाकर 4.4 फीसदी किया गया था। बुजुर्गों को बचत योजनाओं पर अब 7.4 फीसदी की जगह केवल 6.5 फीसदी तिमाही ब्याज देने की घोषणा की गई थी।
इसी तरह 2 साल के लिए जमा राशि पर अब 5.5 फीसदी की जगह 5 फीसदी, 3 साल के लिए जमा राशि पर 5.5 फीसदी की जगह 5.1 फीसदी, 5 साल के लिए जमा राशि पर 6.7 फीसदी की जगह 5.8 फीसदी ब्याज कर दिया गया था। नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट पर 6.8 फीसदी की बजाय केवल 5.9 फीसदी ब्याज, किसान विकास पत्र पर 6.9 फीसदी की जगह 6.4 फीसदी ब्याज और सुकन्या समृद्धि योजना पर भी ब्याज दर को 7.6 फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया गया था।