सल्ट उपचुनाव: भगीरथ प्रयास में जुटे पूर्व सीएम हरीश रावत
देहरादून। कोरोना से जंग जीत कर पूर्व सीएम हरीश रावत अपने घर वापस लौट चुके हैं। स्वास्थ्य लाभ लेने के साथ ही वे 2022 में कांग्रेस की सत्ता में वापिसी के लिए भगीरथ प्रयास में जुट गये हैं। इसकी शुरूआत वे सल्ट के रास्ते गंगा को मैदान में उतारने से कर चुके हैं। कांग्रेस के महासचिव और उत्तराखण्ड के बड़े नेता हरीश रावत दिल्ली एम्स में अपने इलाज के दौरान भी सोशल मीडिया के जरिये लगातार सक्रिय दिखे। जिसमें उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी गंगा पंचोली के समर्थन में वोट करने की अपील की। अस्पताल में कोरोना से जूझते हुए सक्रिय रहकर उन्होंने पार्टी के भीतर और बाहर सबको बता दिया कि उन्हें यूं ही राजनीति का सूरमा नहीं कहा जाता।
गुटों में बंटी कांग्रेस में उनके खिलाफ कितना ही विरोध हो, लेकिन पार्टी के भीतर विरोधियों के पास उनका कोई तोड़ नहीं है। अपनी पसंदीदा उम्मीदवार गंगा पंचोली को सल्ट से मैदान में उतारकर उन्होंने पार्टी के भीतर अपने विरोधियो को बता दिया है कि राजनीति में अभी उनकी पकड़ मजबूत है।
जानकारों के मुताबिक एम्स में कोरोना से लड़ते हरीश रावत का सोशल मीडिया में जारी किये मार्मिक अपील से क्षेत्र में गंगा पंचोली के पक्ष में बडा माहौल बन गया है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिये क्षेत्रीय जनता से अपील की थी की गंगा पंचोली के पक्ष में मतदान करें। और ‘हार उनके लिए मौत सरीखा’ होगा। उनके इस अपील का क्षेत्र में बड़ा असर देखने को मिला है। इसके बाद से गंगा पंचोली के पक्ष में माहौल बनता देख हरदा के तमाम विरोधी भी उनके समर्थन में खड़े हो गये हैं।
वहीं हरीश रावत के इस दांव से अपने परिवार के लिए सल्ट सीट से टिकट का दावा करने वाले पूर्व विधायक रणजीत रावत अलग-थलग से पड़ गये हैं। उनसे सहानुभूति जताने वाले नेता भी मौके की नजाकत को देखते हुए जीजान से सल्ट चुनाव के प्रचार में उतर गए हैं।
स्वास्थ्य लाभ ले रहे हरीश रावत ने सोमवार को फिर सोशल मीडिया के जरिये गंगा पंचोली के समर्थन में मतदान करने की अपील की है। सोशल मीडिया में वीडियो के जरिये उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन के तमाम उतार-चढाव का जिक्र भी किया। उन्होंने खुद को अर्जुन बताया जिसका एकमात्र लक्ष्य प्रदेश का विकास है।
मीडिया और सियासी हलकों में सल्ट का उपचुनाव 2022 विधानसभा का सेमीफाइनल माना जा रहा है। सहानुभूति के बल पर जीत का दावा करने वाली सत्ताधारी दल ने सुरेन्द्र जीना के भाई महेश जीना को यहां मैदान में उतारा है। भाजपा इससे पहले भी पिथौरागढ़ और थराली में सहानुभूति के प्रयोग से जीत हासिल कर चुकी है। लेकिन हरीश रावत जिस तरह से गंगा के लिए भगीरथ तपस्या में जुटे हैं सल्ट का सेमीफाइनल दिलचस्प हो चला है। और अब भाजपा के लिए सल्ट की जीत उतनी आसान नहीं रह गई। हालांकि नतीजा क्या रहेगा से तो मतगणना के बाद ही पता चलेगा। लेकिन ये तो साफ है सल्ट का ये चुनाव पूर्व सीएम हरीश रावत और सीएम तीरथ रावत के भाग्य का फैसला जरूर करेगी।