September 22, 2024

कुंभ 2021ः बैरागी संतों की चेतावनी, कुंभ विसर्जन कहने वाले अखाड़ों को 27 के स्नान में नहीं होने देंगे शामिल

देहरादून/हरिद्वार। बैरागी अखाड़ों ने कुंभ का विसर्जन कर चुके अखाड़ों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि कुंभ का विसर्जन करने वाले अखाड़ों को आगामी 27 अप्रैल के शाही स्नान में शामिल नहीं होने दिया जाएगा। अगर इसके बाद भी कुंभ विसर्जन कहने वाले अखाडे स्थान में शामिल होते है तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। बैरागी संतों ने साफ कर दिया है कि वह महाकुम्भ 2021 का समय से पहले विसर्जन नही करने देंगे।

बुधवार को बैरागी कैम्प में बैरागी अखाड़ों के संतों की बैठक हुई। बैरागी संतों ने कहा कि कुंभ मेला विसर्जन करने वाले अखाड़ों को 27 अप्रैल के शाही स्नान में शामिल नहीं होने देंगे। संतों ने आईजी मेला संजय गुंज्याल को इसकी जानकारी भी दी है। जूना, अग्नि, आह्वान, किन्नर, श्री निरंजनी और आंनद आखड़ा 17 अप्रैल को कुंभ विसर्जन कर चुके हैं। तीन बैरागी अखाड़े और उदासीन अखाड़ा 27 अप्रैल को होने वाले स्नान की तैयारियों में जुटे हैं।

देव डोलियों की शोभायात्रा में सीमित होंगे श्रद्धालु

कोविड-19 के खतरे के बीच 24 अप्रैल की शाम महाकुंभ स्नान के लिए देव डोलियां शोभायात्रा के साथ हरिद्वार पहुंचेंगी। 25 अप्रैल को हरकी पैड़ी पर स्नान होगा। देव डोलियों की शोभायात्रा और कुंभ स्नान का दूरदर्शन पर लाइव प्रसारण होगा। इसके लिये शासन प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी कर दी गयी है। इस संबंध में मेला अधिकारी की ओर से सभी अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिये गये है।

शासन ने शोभायात्रा की अनुमति जारी कर दी है, लेकिन शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को महाकुंभ में कोरोना की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन करना होगा। श्रद्धालु कोविड की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लाएंगे और वापस जाने पर एक सप्ताह होम आइसोलेट रहेंगे। 24 अप्रैल को पहाड़ से देव डोलियां स्नान के लिए हरिद्वार पहुंचेंगी। करीब 200 देव डोलियां ऋषिकेश से शोभायात्रा के रूप में आएंगी। पहले शोभायात्रा में पांच हजार श्रद्धालुओं को आना था। कोविड संक्रमण के बढ़ते प्रसार के कारण कई श्रद्धालुओं ने कार्यक्रम स्थगित कर दिया है।

 


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