सुझावः पहाड़ों और ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की चैन को तोडने के लिय ग्राम-प्रधानों को मिले अधिकारः पूर्व सीएम रावत
देहरादून। प्रदेश में कोविड-19 को लेकर और अधिक सजग होने की आवश्यकता है। पहाड़ों और ग्रामीण क्षेत्रों में जिस प्रकार देखा जा रहा है कि वहां लोगों में संक्रमण का दायरा बढ़ता जा रहा है और इस संक्रमण का उन्हें बाद में पता चल रहा है। जिसके कारण कई लोगों की मौत भी हो रही है। हमें कोरोना की दस्तक को नियंत्रित करना होगा ताकि कोरोना की चेन तोड़ी जा सके।
यह बात प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एक इंटव्यू के दौरान कही। पूर्व सीएम रावत ने कहा कि पहाड़ों और ग्रामीण क्षेत्रों में जिस प्रकार देखा जा रहा है कि वहां लोगों में संक्रमण का दायरा बढ़ता जा रहा है और इस संक्रमण का उन्हें बाद में पता चल रहा है। जिसके कारण कई लोगों की मौत भी हो रही है, उन्होंने कहा कि हमें कोरोना की दस्तक को नियंत्रित करना होगा ताकि कोरोना की चेन तोड़ी जा सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए ग्राम प्रधानों को चालान करने के अधिकार के साथ-साथ एवं सीमित अवधि के लिए गांवों में क्वॉरेंटाइन केंद्रों को बनाने के भी अधिकार दिए जा सकते हैं। इसे करने से काफी हद तक इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि हमें टेस्टिंग को बढ़ाना होगा और टेस्ट की लंबित रिपोर्ट के समय को भी कम करना होगा। उन्होंने कहा कि इन महत्वपूर्ण विषयों के चलते हम इस संक्रमण को काफी कद तक काबू कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन महत्वपूर्ण विषयों को लेकर उनकी मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से फोन पर वार्ता भी हुई है। उन्होंने कहा कि जनता की पीड़ा हमारी पीड़ा है और हमारा पूरा प्रयास है कि इस संकटकाल में कोई भी नागरिक स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित ना हो।
लॉक डाउन के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि हमें जीवन भी बचाना है और जीविका भी, इसलिए जो लोग अपने रोजमर्रा के कार्यो को लेकर अपने परिवार की रोजी रोटी चलाते हैं उनका भी सरकार को ख्याल रखना है। इसलिए जीवन के साथ साथ जीविका का भी सरकार को ख्याल रखना है। लेकिन साथ में यह भी ध्यान रखना है कि कोरोना जैसी महामारी को समाप्त करने लिये एक अभियान की भी आवश्यकता है।