September 22, 2024

EXCLUSIVE: एलौपैथिक पर बाबा के अंधाधुंध बयान ‘राजनीतिक कवरिंग फायर’ तो नहीं

देहरादून। किसी के बाप की हिम्मत नहीं है मुझे अरेस्ट करने की। बाबा रामदेव का ये ताजा बयान मीडिया और सोशल मीडिया में तैर रहा है। बाबा रामदेव एक बार फिर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में है। वे एक के बाद एक अंधाधुध बयानबाजी कर रहे हैं। योगगुरू और देश के नामचीन बिजनेसमैन बाबा रामदेव एलौपैथिक को लेकर दिए बयान को यहीं खत्म करने के मूड में नजर नहीं हैं। बीते दिनों केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा० हर्षबर्धन के हस्तक्षेप पर बाबा रामदेव ने आईएमए से अपने बयान को लेकर खेद प्रकट भी किया। लेकिन आईएमए के सामने 25 सवाल दागकर कर उन्होंने एक बार फिर एलौपैथिक को लेकर नई बहस को तूल देने की कोशिश की है।

ये वो बाबा रामदेव है जो योगगुरू के चोले में देश की जनता को विदेशो में पड़े कालाधन वापसी के फायदे बताकर बरगला चुके हैं। देश के नौजवानों को 35 रूपये पेट्रोल का सब्जबाग दिखा चुके हैं। योगगुरू बाबा के साथ-साथ रामदेव दुनिया के सबसे बड़े सेल्समैन भी है। देश की जनता को गौमूत्र और गोबर बेचकर बाबा अपने सेल्समैनी का हुनर भी साबित कर चुके हैं। विवादास्पद बयानों को लेकर बाबा रामदेव का लम्बा इतिहास रहा है। ताजा बयान एलौपैथिक चिकित्सा पद्धति को लेकर है। उनके इस बयान से देश के डाक्टर आहत हुए हैं। खेद प्रकट करने के बाद भी एलौपैथी को लेकर एक के बाद एक विवादास्पद बयान देने के बाद चिकित्सा से जुड़ी संस्था आईएमए ने देश के प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है। बाबा के इस बयान के खिलाफ आईएमए उत्तराखण्ड ने बाबा रामदेव को मानहानि का नोटिस भेजा है। बाबा रामदेव ने इस विवाद को ऐसे समय में तूल दिया जब देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं की बदइंतजामी को लेकर केन्द्र सरकार कठघरे में है। हजारों लोग आक्सीजन की कमी के चलते अकाल मौत का ग्रास बन गए हैं। विपक्षी पार्टियां लगातार केन्द्र सरकार को निशाने पर लिये हुए है।

बाबा का बयान कवरिंग फायर तो नहीं

बाबा के ताजा बयान से उपजे विवाद से बालीवुड की मशहूर फिल्म ‘बार्डर’ का एक दृश्य याद आता है। फिल्म का सीन है जब सैनिक युद्ध में घायल होता है तो नायक बना सैनिक उसे बचाने के खातिर जाता है और उसके साथी दुश्मन पर अंधाधंध गोलाबारी करते हैं। इस गोलियों की आड़ में वह नायक बना सैनिक अपने घायल साथी को बचा लाता है। यही अंधाधुंध गोलाबारी कवरिंग फायर है। इस वक्त ना तो युद्ध चल रहा है। ना ही कोई फिल्म, लेकिन फिर भी बाबा रामदेव के बयानों से ‘कवरिंग फायर’ शब्द जहन में घूम रहा है। सबसे बड़ी बात है कि बाबा रामदेव के इस बयान के खिलाफ केवल डाक्टरों की संस्था आईएमए ही मुखर है। देश की राजनीति से जुड़ी विपक्षी पार्टियों के बड़े नेताओं का अभी बाबा रामदेव के इस बयान को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

इस पर देहरादून में राजनीति को कवर करने वाले एक पत्रकार बताते हैं कि ये विशुद्ध राजनीति है। कोरोना के चलते केन्द्र और राज्य सरकारों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए है। केन्द्र सरकार की देश-दुनिया में छवि खराब हुई है। छवि को बचाने के लिए बाबा रामदेव अंधाधुध बयान देकर भाजपा की केन्द्र को कवरिंग फायर दे रहे हैं। ताकि इस अंधाधुंध बयानों के बीच किसी तरह सरकार की छवि को बचाया जा सके। राजनीति में माहिर विपक्ष के बड़े नेता जानते हैं कि ये कवरिंग फायर है जो केन्द्र सरकार की छवि बचाने के लिए की जा रही है, लिहाजा वे इस पर किसी तरीके की बयानबाजी से बच रहे हैं। और इस लड़ाई को सरकार बनाम डाक्टर्स ही रखना चाहते हैं।


WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com