मेहुल को भारत लाने के लिए डोमिनिका भेजे गए ये 8 लोग

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पंजाब नेशनल बैंक से करीब 11500 करोड़ रुपये लेकर फरार चल रहे हीरा व्‍यापारी को वापस लाने के लिए भारत ने ‘मिशन चौकसी’ की शुरुआत कर दी है। इसके लिए देश से अलग-अलग एजेंसियों के 8 लोगों को डोमिनिका भेजा गया है। मिली जानकारी के अनुसार, यह एक प्राइवेट जेट में वहां पहुंचे हैं।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत से आठ सदस्यीय बहु-एजेंसी टीम भगोड़े मेहुल चोकसी को वापस लाने के लिए डोमिनिका में है, जोकि एंटीगुआ से कथित भागने के प्रयास के बाद वहां जेल में है। मेहुल चौकसी 2018 से एंटीगुआ में रह रहा था।

28 मई (शुक्रवार) को छोटे से द्वीप राष्ट्र में पहुंची टीम कल मेहुल चोकसी की अदालत में सुनवाई के दौरान उपस्थित होगी और डोमिनिकन लोक अभियोजन की सहायता करेगी।

सूत्रों का कहना है कि अगर सब कुछ योजना के अनुसार काम करता है, तो वही टीम पीएनबी ऋण धोखाधड़ी के एक बड़े मामले में वांटेंड जौहरी को वापस लाने की उम्मीद करती है।

आठ सदस्यीय टीम ने कतर से एक निजी जेट से डोमिनिका के लिए उड़ान भरी। उसी जेट के चोकसी से भारत वापस लौटने की उम्मीद है।

सूत्रों का कहना है कि चोकसी के लैंड करते ही उसे औपचारिक रूप से दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

सूत्रों का कहना है कि सीबीआई के दो-दो, प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) “मिशन चौकसी” का हिस्सा हैं।

बैंकिंग धोखाधड़ी के सीबीआई प्रमुख शारदा राउत, पीएनबी या पंजाब नेशनल बैंक घोटाले की जांच का नेतृत्व करने वाले अधिकारी के रूप में टीम के एक प्रमुख सदस्य हैं, जिसमें मेहुल चोकसी और उनके भतीजे नीरव मोदी द्वारा राज्य से ऋण के रूप में निकाले गए ₹ 13,500 करोड़ शामिल हैं।

 

उसके वकील का कहना है कि वह अब भारत का नागरिक नहीं है और तकनीकी रूप से उसे भारत नहीं भेजा जा सकता है। उनका यह भी दावा है कि चोकसी को जबरदस्ती डोमिनिका ले जाया गया।

डोमिनिका के नेता प्रतिपक्ष लेनोक्स लिंटन ने प्रधानमंत्री रूजवेल्ट स्केरिट की सरकार को यह कहते हुए फटकार लगाई कि देश में कोई कानून नहीं, कोई संविधान नहीं रहता है और इसकी अंतर्राष्ट्रीय छवि “बिगड़ती” है।

मुख्य विपक्षी दल का आरोप है कि डोमिनिकन प्रधानमंत्री चोकसी से जुड़ी साजिश का हिस्सा हैं।