केरल के 2 मछुआरों को मारने वाले इटली के नौसैनिकों पर भारत में अब नहीं चलेगा मुकदमा
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केरल के मछुआरों की इटली के मरीन द्वारा हत्या मामले में फैसला सुनाया. कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट को पीड़ित पक्षों को 4-4 करोड़ रुपए की राशि मुहैया कराने और नाव मालिक को दो करोड़ रुपए देने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि पीड़ित मुआवजे की राशि से संतुष्ट हैं. इसके साथ ही अब ये मामला बंद कर दिया गया है.
अब इन नौसैनिकों के खिलाफ इटली में मुकदमा चलाया जाएगा. अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने इस मामले में इटली के मरीनों पर उनके देश में मुकदमा चलाने का निर्णय लिया था, क्योंकि यह घटना अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में हुई थी.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से दोनों इटली सैनिकों के खिलाफ चल रहे मुकदमे को बंद करने की अपील की थी, लेकिन पीड़ित पक्ष के वकील ने कहा कि जब तक मुआवजे की पूरी राशि नहीं मिल जाती तब तक कोर्ट को इस मामले को बंद नहीं करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने आज मामले की सुनवाई करते हुए इटालियन मरीन को देश में बंद करने और मुआवजा राशि देने का आदेश जारी कर दिया है.
क्या है इटली के नौसैनिकों का मामला?
15 फरवरी 2012 को लक्षद्वीप द्वीप के पास मछली पकड़ने के बाद वापस लौट रहे दो भारतीय मछुआरों को एनरिका लेक्सी पर सवार दो इतालवी नौसैनिकों ने मार गिराया था. यह घटना केरल के तट से करीब 20 समुद्री मील दूर हुई थी. घटना के फौरन बाद, भारतीय तटरक्षक बल ने एनरिका लेक्सी को रोक लिया और दो इतालवी नौसैनिकों (सल्वाटोर गिरोन और मासिमिलियानो लातोरे) को हिरासत में ले लिया था.
बीते नौ साल यानी 2012 से चल रहे इस केस में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले थे. पहले मरीन्स की भारत में गिरफ्तारी, फिर उन्हें इटली जाने देना, इटली का उन्हें लौटाने से इनकार और मरनेवाले भारतीय मछुआरों के घरवालों को न्याय मिलने की उम्मीद इन सब के बीच आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मामले को बंद कर दिया.