कोरोना की दूसरी लहर बच्चों के लिए कितनी रही घातक, जानिए क्या कहती है एम्स की रिपोर्ट
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार जनजीवन के लिए आफत बनी हुई है, जिससे लगातार लोगों की मौत होती जा रही हैं। कोरोना से अब देशभर में करीब पौने चार लाख से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। केंद्र व राज्य सरकारें भी संक्रमण के फैलाव को कम करने के लिए सावधानी बरतने की अपील कर रहे हैं। दूसरी लहर में संक्रमण बच्चों के लिए कितना खतरनाक रहा एम्स की एक सीरो स्टडी में इस बात का बड़ा खुलासा हुआ है।
इस सर्वे में कुल 4509 लोगों ने हिस्सा लिया था। इसमें 3809 अडल्ट और 700 बच्चे थे। बुजुर्गों में पॉजिटिव दर 63.5 प्रतिशत दर्ज की गई और बच्चों में यह 55.7 प्रतिशत पाई गई। स्टडी करने वाले एम्स के कम्युनिटी मेडिसिन के डॉक्टर पुनीत मिश्रा ने कहा कि यह आंकड़ा बताता है कि जितना बड़ों में संक्रमण पाया गया, लगभग उतना ही बच्चों में भी पाया गया।
बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है, क्योंकि जिस स्तर पर बड़ों में संक्रमण है, लगभग उतनी ही संख्या में बच्चे भी संक्रमित हुए हैं। आगे उन्होंने कहा कि अगर वायरस में बहुत ज्यादा म्यूटेशन होता है, तब बच्चे ही नहीं बड़ों को भी उतना ही खतरा है।
एम्स के इस सर्वे में यूपी के गोरखुपर को भी शामिल किया गया था। डॉक्टर पुनीत ने कहा कि गोरखपुर में सीरो सर्विलांस दर बहुत हाई पाया गया है। यहां पर कुल सीरो पॉजिटिव 87.9 पर्सेंट पाया गया। 2 से 18 साल के बीच में यह पॉजिटिव दर 80.6 पर्सेंट और 18 साल से ऊपर यह 90.3 पर्सेंट पाया गया। डॉक्टर ने कहा कि इतने सीरो पॉजिटिव पाए जाने के बाद थर्ड वेव नहीं आनी चाहिए।