November 25, 2024

बड़ी खबर: खतरे में पड़ी उत्तराखंड CM की कुर्सी, हाईकमान ने बनाया नेतृत्व परिवर्तन का मन!

CM Photo 01 dt 29 June 2021

देहरादून: उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन (leadership change) की सुगबुगाहट जोरों शोरों से चल रही है. वर्तमान स्थितियों की बात करें तो मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत Tirath Singh Rawat के अचानक दिल्ली दौरे के बाद से ही चर्चाओं का बाजार काफी गर्म हो गया है. ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि आगामी कुछ दिनों के भीतर उत्तराखंड को नया मुख्यमंत्री मिल सकता है. विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा आलाकमान उत्तराखंड में एक बार फिर नेतृत्व परिवर्तन का मन बना चुकी है. हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अबकी बार राज्य की कमान किसके हाथ में सौंपी जाएगी.

इन सभी समीकरणों को देखते हुए आलाकमान अभी से ही नेतृत्व परिवर्तन करने की कवायद में जुट गया है. यही वजह है कि रामनगर में तीन दिवसीय हुए चिंतन शिविर के बाद अचानक से मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को दिल्ली तलब कर लिया गया. यही नहीं गुरुवार देर शाम मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की देहरादून वापसी को भी टाल दिया गया.

हालांकि, एक बड़ा सवाल अभी भी यही उठ रहा है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अगर इस्तीफा देते भी हैं तो राज्य के अगले मुखिया कौन होंगे? इस बारे में अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है. मगर इन दिनों प्रदेश की राजनाति में जो भी घटनाक्रम चल रहा है उससे साफ है कि आने वाले दिनों में बहुत कुछ बदलने वाला है. और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत को दुबारा से कमान संभालने के लिए कहा जा सकता है।

हाईकमान ने सीएम तीरथ को दिल्ली बुलाया राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत हाईकमान ने अचानक दिल्ली बुलाया है. सीएम बुधवार सुबह 10-30 बजे दिल्ली के लिए रवाना होंगे. जिसके बाद से ही प्रदेश की राजनीति में कयासबाजी का दौर शुरू है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सीएम रावत से हाईकमान विधानसभा चुनाव की रणनीति और उनके उप-चुनाव लड़ने को लेकर चर्चा कर सकती है.रामनगर में 3 दिवसीय चिंतन शिविर में शिरकत करने के बाद बुधवार को सीधे दिल्ली के लिए रवाना होंगे. उन्हें अचानक पार्टी आलाकमान द्वारा दिल्ली बुलाया गया है. जबकि बुधवार को प्रदेश में मुख्यमंत्री के कई कार्यक्रम होने थे. बुधवार को उन्हें राज्यमंत्री रेखा आर्य के विभागों से जुड़ी योजनाओं की शुरुआत करनी थी. इसके अलावा सचिवालय में शासकीय कार्य में निपटाने थे, लेकिन इस तरह से अचानक उन्हें दिल्ली बुलाया जाने से सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है.