September 22, 2024

यूजर्स को नई गोपनीयता नीति स्वीकार करने के लिए नहीं कहेगा व्हाट्सएप

फेसबुक के स्वामित्व वाले इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि वह स्वेच्छा से अपनी ‘विवादास्पद’ नई गोपनीयता नीति पर तब तक रोक लगाएगा, जब तक कि डेटा सुरक्षा बिल लागू नहीं हो जाता। इसने अदालत को यह भी बताया कि वह अपने प्लेटफॉर्म की कार्यक्षमता को उन उपयोगकर्ताओं तक सीमित नहीं करेगा, जो इस बीच नई गोपनीयता नीति का विकल्प नहीं चुनते हैं।

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ फेसबुक और व्हाट्सएप की अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ प्रतिस्पर्धा नियामक भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के आदेश को रोकने से इनकार कर दिया गया था, जिसमें व्हाट्सएप की नई गोपनीयता नीति की जांच का निर्देश दिया गया था।

व्हाट्सएप की ओर से पेश अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा, “हम स्वेच्छा से इसे (नीति) को होल्ड पर रखने के लिए सहमत हुए। हम लोगों को इसे स्वीकार करने के लिए मजबूर नहीं करेंगे। बहरहाल, वह अपने उपयोगकर्ताओं को अपडेट प्रदर्शित करना जारी रखेगा।”

इस साल जनवरी में, व्हाट्सएप ने अपनी गोपनीयता नीति को अपडेट किया, जो इंस्टेंट मैसेजिंग सेवा को अपनी मूल कंपनी फेसबुक के व्यावसायिक खातों के साथ उपयोगकर्ताओं के इंटरैक्शन के बारे में डेटा साझा करने की अनुमति देता है।

इस कदम ने उपयोगकर्ताओं के बीच प्रमुख गोपनीयता चिंताओं को जन्म दिया और साथ ही व्हाट्सएप ने घोषणा की कि अगर उपयोगकर्ता शर्तों को स्वीकार नहीं करने का विकल्प चुनते हैं तो यह अपने प्लेटफॉर्म की कार्यक्षमता को सीमित कर देगा।

आलोचनाओं के बाद, व्हाट्सएप ने नीति के लागू होने को कुछ समय के लिए रोक दिया, लेकिन फरवरी में दोहराया कि वह अपने फैसले पर आगे बढ़ेगा। यह भारत सरकार द्वारा कंपनी को अपनी योजनाओं को छोड़ने के लिए कहने के बावजूद लिखा गया था।

केंद्र ने सूचना तकनीकी (उचित सुरक्षा प्रथाओं और प्रक्रियाओं व संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा या सूचना) नियम, 2011 में नियमों का हवाला देते हुए कहा कि गोपनीयता नीति एकत्र किए जा रहे “संवेदनशील व्यक्तिगत” डेटा के प्रकार के बारे में जानकारी देने में विफल रहती है और किसके साथ जानकारी साझा की जा रही थी।


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