कर्नाटक: बीएस येदियुरप्पा का ट्वीट के जरिए भाजपा को संदेश, सीएम पद से हटाए जाने की अटकलों पर लगेगा विराम?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पिछले सप्ताह बैठक के बाद से मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के कयासों के बीच बीएस येदियुरप्पा ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी में अपने सहयोगियों से “विरोध प्रदर्शन और अनुशासनहीनता में शामिल नहीं होने” का अनुरोध किया है। सीएम येदियुरप्पा के ट्वीट को केंद्र के लिए एक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
येदियुरप्पा ने ट्वीट किया, “मुझे गर्व है कि मैं भाजपा का वफादार कार्यकर्ता हूं। मेरे लिए यह सम्मान की बात है कि मैंने उच्च आदर्शों का पालन करते हुए पार्टी की सेवा की है। मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि पार्टी के संस्कारों के मुताबिक आचरण करें और ऐसा कोई प्रदर्शन या अनुशासनहीनता न करें जिससे पार्टी को शर्मिंदगी झेलनी पड़े।”
I am privileged to be a loyal worker of BJP. It is my utmost honour to serve the party with highest standards of ethics & behaviour. I urge everyone to act in accordance with party ethics & not indulge in protests/indiscipline that is disrespectful & embarrassing for the party.
— B.S.Yediyurappa (Modi Ka Parivar) (@BSYBJP) July 21, 2021
बता दें कि भाजपा के शीर्ष नेताओं से मिलने के लिए मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के पिछले सप्ताह अचानक दिल्ली के दौरे ने सवाल खड़े किये थे। हालांकि दिल्ली में रहते हुए, जब राज्य भाजपा में नेतृत्व परिवर्तन के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा: “इसमें कोई सच्चाई नहीं है। बिल्कुल नहीं। बिल्कुल नहीं। बिल्कुल नहीं।” उन्होंने बेंगलुरु वापस उड़ान भरने के बाद भी यही कहा कि वो पद पर बने रहेंगे।
वहीं अब वीरशैव लिंगायत समुदाय और अखिल भारतीय वीरशैव महासभा ने येदियुरप्पा को समर्थन देने का ऐलान किया है और उनसे मुख्यमंत्री के पद पर काम करते रहने का आग्रह किया है। इसके साथ ही समुदाय के नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि येदियुरप्पा को हटाया गया तो भाजपा को गंभीर नतीजे भुगतने होंगे।
गौरतलब है कि येदियुरप्पा को राज्य के कुछ भाजपा विधायकों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल, पर्यटन मंत्री सीपी योगेश्वर और एमएलसी एएच विश्वनाथ समेत कुछ नेताओं ने नेतृत्व द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी के बावजूद येदियुरप्पा के विरुद्ध बात की है।