September 23, 2024

ब्लिंकन के भारत में दिये बयान से चीन को लगी मिर्ची, कहा-लोकतंत्र किसी देश का पेटेंट नहीं

चीन ने बुधवार को परोक्ष रूप से उसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताने वाले बयान को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की आलोचना की और कहा कि लोकतंत्र होने का दावा करने वाले देशों को नस्लीय भेदभाव और राजनीतिक ध्रुवीकरण की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। नयी दिल्ली पहुंचने के बाद बुधवार को अपने पहले सार्वजनिक कार्यक्रम में नागरिक संस्थाओं के सदस्यों को संबोधित करते हुए ब्लिंकन ने लोकतंत्र के लिए बढ़ते वैश्विक खतरों को लेकर आगाह किया। ब्लिंकन ने चीन का जिक्र किए बिना कहा, “लोकतंत्र और अंतरराष्ट्रीय स्वतंत्रता के लिए बढ़ते वैश्विक खतरों के समय में हम एक लोकतांत्रिक मंदी के बारे में बात करते हैं। यह महत्त्वपूर्ण है कि हम विश्व के दो प्रमुख लोकतंत्र इन आदर्शों के समर्थन में एक साथ खड़े रहें।”

ब्लिंकन की टिप्पणी पर उनकी प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा, “मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि लोकतंत्र मानवता का एक साझा मूल्य है। यह किसी देश का पेटेंट नहीं है।” उन्होंने कहा कि एक निश्चित पैटर्न के बिना लोकतंत्र को साकार करने का तरीका विविध है। झाओ ने कहा, “एक बहुदलीय राजनीतिक संरचना लोकतंत्र का एकमात्र रूप नहीं है और लोकतंत्र का इस्तेमाल टकराव पैदा करने के लिए नहीं किया जा सकता है।”

उन्होंने कहा, “कौन सा देश लोकतांत्रिक है और कौन सा निरंकुश है, यह तय करने का तरीका किसी एक देश द्वारा तय नहीं किया जाना चाहिए। खुद को श्रेष्ठ बताते हुए दूसरों को कमजोर समझना लोकतांत्रिक नहीं है।” उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “कुछ देश खुद को लोकतांत्रिक होने का दावा करते हैं, लेकिन वे नस्लीय भेदभाव, राजनीतिक ध्रुवीकरण की समस्याओं का सामना कर रहे हैं।”

झाओ ने अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन की टिप्पणियों को लेकर भी उनपर निशाना साधा कि जब उसके हितों को खतरा होगा तो अमेरिका कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा। ऑस्टिन ने सिंगापुर में ‘इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज’ में दिए एक भाषण में कहा, “जब हमारे हितों को खतरा होगा तो हम पीछे नहीं हटेंगे। फिर भी हम टकराव नहीं चाहते हैं।” ऑस्टिन की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, झाओ ने कहा, “प्रासंगिक टिप्पणियां तथ्यों के विपरीत हैं।” उन्होंने कहा कि इन टिप्पणियों का उद्देश्य चीन को बदनाम करना और उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना और क्षेत्रीय देशों के बीच कलह पैदा करना है।


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