उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए कमर कस लें सांसद: नड्डा
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश के सांसदों को आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाने और अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों में शत-प्रतिशत टीकाकरण की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेने का निर्देश दिया। बृज और कानपुर क्षेत्र के साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सांसदों से बुधवार को संवाद करने के बाद नड्डा ने अवध, काशी और गोरखपुर क्षेत्र के 44 सांसदों के साथ बैठक की और आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों और रणनीति को लेकर मंथन किया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस बैठक में शामिल हुए। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नड्डा ने सांसदों से कहा कि मानसून सत्र समाप्त होते ही वह अपने संसदीय क्षेत्रों में जुट जाएं और गांव-गांव जाकर केंद्र व राज्य सरकार की लोककल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाएं तथा सुनिश्चित करें कि उन्हें इनके लाभ मिल रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक भाजपा अध्यक्ष ने सभी सांसदों को सप्ताह में कम से कम दो दिन क्षेत्र के टीकाकरण केंद्रों का दौरा करने और इस साल के अंत तक अपने संसदीय क्षेत्रों में शत प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने को कहा।
ज्ञात हो कि केंद्र सरकार ने इस साल के अंत तक पूरे देश के पात्र लोगों का टीकाकरण कर लेने का लक्ष्य रखा है। राजधानी स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब में हुई इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के प्रभारी राधामोहन सिंह, राज्य इकाई के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और राज्य के संगठन महामंत्री सुनील बंसल भी शामिल हुए। स्मृति ईरानी सहित उत्तर प्रदेश से केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल कई अन्य सदस्य भी बैठक में उपस्थित थे। इससे पहले, बुधवार को सांसदों के साथ हुई बैठक में तय हुआ था कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किए गए उत्तर प्रदेश के सांसद अपने-अपने संसदीय व आसपास के क्षेत्रों में ‘‘जन आशीर्वाद यात्रा’’ निकालेंगे। पार्टी ने इन यात्राओं के जरिए कम से कम 200 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करने का लक्ष्य रखा है। इन यात्राओं में पार्टी के वरिष्ठ केंद्रीय नेता भी शामिल होंगे।
ज्ञात हो कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद में पिछले दिनों हुए विस्तार में सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व उत्तर प्रदेश को मिला। विभिन्न जाति व वर्ग से आने वाले प्रदेश के सात सांसदों को मंत्री बनाया गया था। प्रधानमंत्री मोदी सहित केंद्रीय मंत्रिमंडल में अब 15 मंत्री उत्तर प्रदेश से हैं। पहली बार ऐसा हुआ है जब केंद्र सरकार में इतनी बड़ी संख्या में राज्य को प्रतिनिधित्व मिला है। अब पार्टी इसे आगामी विधानसभा चुनाव में भुनाने में जुट गई है। जिन सात सांसदों को केंद्र सरकार में मंत्री बनाया गया था उनमें तीन अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति से हैं। पार्टी इन सांसदों से यात्रा के जरिए सामाजिक समीकरण भी साधना चाहती है। उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा होने हैं। भाजपा के लिए वहां सत्ता में लौटना बड़ी चुनौती है क्योंकि पिछले कुछ दशकों में कोई भी पार्टी सत्ता में वापस नहीं लौट सकी है।