इस बार रक्षाबंधन पर नहीं होगी भद्रा की छाया, ये है शुभ मुहुर्त और पूजा विधि
22 अगस्त को पूरा देश रक्षाबंधन का पावन त्यौहार सेलिब्रेट करने वाला है। बताते चलें कि, पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ इस बार 21 अगस्त 2021 को शाम 7 बजे से होगा और 22 अगस्त शाम 5 बजकर 31 मिनट पर पूर्णिमा तिथि का समापन होगा। और 21 अगस्त को रात 8 बजकर 22 मिनट से पंचक शुरू हो जाएंगे।
रक्षाबंधन का पवित्र त्यौहार भाई-बहन के बीच प्रेम और खुशियों का पर्व है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी कलाई पर राखी बांधकर और अलग-अलग तरह की मिठाइयों से उनका मुंह मीठा करवाकर अपने भाईयों की लंबी उम्र की कामना करती हैं। और इसके बदले में भाई अपनी बहनों को गिफ्ट्स देते हैं और जिन्दगी भर उनकी रक्षा करेंगे इस बात का वचन देते हैं। ऋषि नगर स्थित विश्वकर्मा मंदिर के पुजारी आचार्य राममेहर शास्त्री ने बताया कि शास्त्रों में वर्णित एक कथा के अनुसार सबसे पहले राजा बली ने मां लक्ष्मी से व देवराज इंद्र ने इंद्राणी से और श्री कृष्ण ने द्रौपदी से अपनी कलाई पर राखी बंधवाई थी। और इस पर्व को पूर्णिमा के दिन मनाए जाने से कई जगहों पर इसे राखी पूर्णिमा भी कहते हैं। और रक्षाबंधन के इस त्यौहार को प्राचीन काल से मनाने की परंपरा भी चली आ रही है।
इस बार की पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त शाम 7 बजे से शुरू हो जाएगी और इस तिथि का समापन 22 अगस्त को शाम 5 बजकर 31 मिनट पर होगा। और 21 अगस्त शाम 8 बजकर 22 मिनट से पंचक का भी प्रारंभ हो जाएगा अर्थात रक्षाबंधन के दिन इस बार पंचक रहेगा लेकिन आपको बता दें कि पंचक में रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा सकता है।