September 22, 2024

पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र का संकल्प पूरा, 59 साल बाद गर्तांग गली में चहलकदमी, पर्यटन के खुले द्वार

आईटीबीपी जवानों के बीच पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत

उत्तरकाशी। विधान सभा सत्र के बीच पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत का उत्तरकाशी दौरा इन दिनों सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान ऐतिहासिक गर्तांग वैली के पुल के जीर्णाेद्धार का संकल्प लिया था। तकरीबन हफ्ते भर पहले इस पुल के जीर्णाेद्धार का काम पूरा हुआ है। उत्तराखंड में भारत-तिब्बत के बीच व्यापारिक रिश्तों की गवाह ऐतिहासिक गर्तांग गली 59 साल बाद पर्यटकों के लिए खुल गई है।

पर्यटन प्रदेश उत्तराखण्ड के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। यही वजह है कि पुल तैयार होने के बाद आईटीबीपी के बुलावे पर पूर्व सीएम इसका लोकार्पण करने गर्तांग वैली पहुंचे हैं। गर्तांग वैली अपने आप में ऐतिहासिक महत्व रखता है। इसी वैली से पुराने समय में भारत तिब्बत में व्यापारिक गतिविधियां होती थी।

सीमांत जनपद उत्तरकाशी की भैरोंघाटी के समीप गर्तांग गली में खड़ी चट्टानों को काटकर लकड़ी से निर्मित सीढ़ीदार ट्रेक बनाया गया है। प्राचीन समय में सीमांत क्षेत्र में रहने वाले जादूंग, नेलांग को हर्षिल क्षेत्र से पैदल मार्ग के माध्यम से जोड़ा गया था। मार्ग से स्थानीय लोग तिब्बत से व्यापार भी करते थे। सेना भी सीमा की निगरानी के लिए इस मार्ग का उपयोग करती थी। बाद में चलन से बाहर होने पर ट्रेक क्षतिग्रस्त हो गया।

मुख्यमंत्री रहने के दौरान पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत के सामने यह मामला आया था जिसके बाद उन्होंने इस क्षतिग्रस्त टेªक को सुधारने का बीड़ा उठाया था। और आज गर्तांग वैली अब उनका ये संकल्प पूरा हो गया है।

एक बार फिर लगभग 6 दशक बाद गर्तांग वैली में स्थानीय लोगों और पर्यटकों की चहलकदमी से ये साफ हो गया है कि मुश्किल से मुश्किल चुनौतियों को भी अगर संकल्प के साथ पूरा किया जाय तो उसके नतीजे सुखद होते हैं जिसका जीता-जागता उदाहरण है गर्ताग वैली में लोगों की आवाजाही।

त्रिवेन्द्र सिंह रावत के इसके पीछे विजन था कि ऐतिहासिक महत्व के गर्ताग वैली में एक ओर तिब्बत से दूबारा व्यापार शुरू होगा वहीं राज्य में इससे पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

गर्तांग वैली के स्थानीय लोग भी मानते हैं कि पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र रावत द्वारा गर्तांग वैली का जीर्णाेद्धार कर एक ऐतिहासिक कार्य किया गया है। लोगों की माने तो जब यह कार्य शुरू हुआ था महज एक हवाई घोषणा लग रही थी। इसका सबसे बड़ा कारण था कि 59 साल से गर्तांग वैली सूनी पड़ी थी। लेकिन त्रिवेन्द्र रावत के अडिग फैसले ने इसे आसान बना दिया। मुख्यमंत्री रहते हुए उनके लगतार देख-रेख और मानीटिरिंग ने पर्यटकों के लिए एक नया डेस्टीनेशन भी तैयार कर दिया है।

 


WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com