शिक्षकों ने कठिन समय में देश में शिक्षा के लिए और विद्यार्थियों के भविष्य के लिए जो योगदान दिया है, वो सराहनीय-पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षक पर्व के उद्घाटन सम्मेलन में शिक्षा क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित होने वाले शिक्षकों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि सभी शिक्षकों ने कठिन समय में देश में शिक्षा के लिए और विद्यार्थियों के भविष्य के लिए जो योगदान दिया है, वो सराहनीय है. पीएम ने कहा कि आज शिक्षक पर्व पर अनेक नई परियोजनाओं का शुभारंभ हुआ है. ये पहल इसलिए भी जरूरी है क्योंकि देश अभी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. आज जो योजनाएं शुरु हुई हैं, वो भविष्य के भारत को आकार देने में अहम भूमिका निभाएंगी.
पीएम मोदी ने कहा, ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति के फार्मूलेशन से लेकर इम्प्लीमेंटेशन तक, हर लेवल पर शिक्षाविदों, एक्सपर्ट्स और टीचर्स का योगदान रहा है. आप सभी इसके लिए प्रशंसा के पात्र हैं. अब हमें इस भागीदारी को एक नए स्तर तक लेकर जाना है. हमें इसमें समाज को भी जोड़ना है.’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज देश के पास बदलाव का वातावरण हैं. साथ ही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसी आधुनिक और भविष्य की नीति भी है. इसलिए पिछले कुछ समय से देश लगातार एजुकेशन सेक्टर में एक के बाद एक नए जरूरी फैसले ले रहा है. एक बड़ा बदलाव होते देख रहा है.’
PM Narendra Modi launches multiple key initiatives in the education sector during the inaugural conclave of Shiksak Parv via video conferencing pic.twitter.com/fvpaEpfM9d
— ANI (@ANI) September 7, 2021
‘आज देश के पास नई शिक्षा नीति जैसी आधुनिक पॉलिसी’
उन्होंने कहा, ‘आज विद्यांजली 2.0, निष्ठा 3.0, टॉकिंग बुक्स और यूएलडी बेस आईएसएल डिक्शनरी जैसे नए कार्यक्रम और व्यवस्थाएं लॉन्च की गई हैं. मुझे पूरा भरोसा है कि यह हमारे शिक्षा व्यवस्था को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएंगी.’ पीएम ने कहा, ‘अब समय है कि हम अपनी क्षमताओं को आगे बढ़ाएं. हमने कोरोना काल के मुश्किल समय में जो कुछ सीखा है उसे एक नई दिशा दें. आज एक ओर देश के पास बदलाव का वातावरण है तो साथ ही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसी आधुनिक पॉलिसी भी है.’
‘भारत का नेशनल कैरेक्टर बनता जा रहा जनभागीदारी’
पीएम मोदी ने कहा, ‘जब समाज मिलकर कुछ करता है, तो मनचाहे परिणाम जरूर मिलते हैं और आपने ये देखा है कि बीते कुछ सालों में जनभागीदारी अब फिर भारत का नेशनल कैरेक्टर बनता जा रहा है. पिछले 6-7 सालों में जनभागीदारी की ताकत से भारत में ऐसे-ऐसे कार्य हुए हैं जिनकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था.’ टोक्यो ओलिंपिक और पैरालिंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन पर प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हाल ही में सम्पन्न हुए टोक्यो ओलंपिक और पैरालंपिक में हमारे खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया है. हमारे युवा इनसे कितना प्रेरित हुए हैं. मैंने अपने खिलाड़ियों से अपील की है कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर हर खिलाड़ी कम से कम 75 स्कूलों में जाए.’
‘टॉकिंग और ऑडियो बुक्स जैसी तकनीक एजुकेशन का हिस्सा’
उन्होंने आगे कहा, ‘आप सभी इस बात से परिचित हैं कि किसी भी देश की प्रगति के लिए शिक्षा न केवल समावेशी होनी चाहिए बल्कि न्यायसंगत भी होनी चाहिए. इसीलिए आज देश टॉकिंग बुक्स और ऑडियो बुक्स जैसी तकनीकों को एजुकेशन का हिस्सा बना रहा है.’ पीएम ने कहा, ‘आज एक और प्रमुख शुरुआत हो रही है, जो स्कूल क्वालिटी असेसमेंट एंड एश्योरेंस फ्रेमवर्क (SQAAF) है. हमारे देश में हमारे स्कूलों और शिक्षा के लिए कोई कॉमन साइंटिफिक फ्रेमवर्क नहीं था. इसे अब बदला जा रहा है.’