पर्यटकों एयरपोर्ट के अंदर भी देवभूमि की संस्कृति के दर्शन हो: रमेश पोखरियाल निशंक
पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट में बनने वाले नए टर्मिनल भवन मे उत्तराखंड के पौराणिक स्थलों व संस्कृति की झलक भी दिखनी चाहिए। जिससे पर्यटकों एयरपोर्ट के अंदर भी देवभूमि की संस्कृति के दर्शन हो सके।
बुधवार को जौलीग्रांट एयरपोर्ट परिसर में कार्यदाई कंपनी के अधिकारियों ने एयरपोर्ट में 350 करोड़ की लागत से बनने वाले नए टर्मिनल भवन से संबंधित प्रोजेक्ट को प्रस्तुत किया। इस अवसर पर एयरपोर्ट कमेटी के चेयरमैन व सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि उत्तराखंड में हवाई सेवाओं की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा गौचर, पिथौरागढ़, पंतनगर चिल्यालीसौड में भी हवाई पट्टी है। जिसमें आधा घंटे की दूरी वाली हवाई सेवाओं को शुरू किया जा सकता है।
इन सेवाओं के शुरू होने से उत्तराखंड में तीर्थाटन व पर्यटन को और भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने एयरपोर्ट के अंदर बाहर स्थानीय लोगों को रोजगार की दृष्टि से दुकानें, कैंटीन, पार्किंग इत्यादि आवंटित व रोजगार से जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट के विस्तारीकरण से स्थानीय ग्रामीणों को कोई परेशानी होने नहीं दी जाएगी। उनके रास्ते से संबंधित परेशानियों को प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जाएगा। जौलीग्रांट के प्रधान सागर मनवाल ने एयरपोर्ट से गांव को आने वाले संपर्क मार्गो के चौड़ीकरण की मांग भी उठाई। भानियावाला के प्रधान शेर ¨सह सैनी ने कहा कि प्रोजेक्ट ऐसे बनने चाहिए जिससे भविष्य में आसपास क्षेत्र की जनता को नुकसान ना हो।
एयरपोर्ट डायरेक्टर विनोद शर्मा ने बताया कि 30 हजार स्क्वायर वर्ग मीटर मे 350 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित टर्मिनल भवन का निर्माण किया जाएगा। जिसमें चार एरोब्रिज भी बनेंगे। एयरपोर्ट अथॉरिटी के महाप्रबंधक प्रदीप शर्मा, उप महाप्रबंधक जगबीर ¨सह, कार्यदाई संस्था के निर्मल कुमार ने टर्मिनल भवन से संबंधित प्रोजेक्ट की जानकारी दी। बैठक में तहसीलदार मनवीर ¨सह कंडारी, पुलिस उपाधीक्षक निहारिका भट्ट, सांसद प्रतिनिधि मीडिया र¨वद्र बेलवाल, सुबोध जायसवाल, पुरुषोत्तम डोभाल, राजेश कुंवर, बालकृष्ण चमोली, अनीता ममगाईं, नेहा नेगी आदि उपस्थित थे।