September 22, 2024

कोरोनाकाल से बाढ़ के दौरान गायब रहे बीजेपी सांसद पर फूटा जनता का गुस्‍सा, गोरखपुर पहुंचते ही ग्रामीणों ने खदेड़ा

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में बाढ़ की त्रासदी झेल रहे लोगों का गुस्सा सोमवार को जिले के बांसगांव के बीजेपी सांसद कमलेश पासवान पर फूट पड़ा. बांसगांव लोकसभा क्षेत्र के बीजेपी सांसद कमलेश पासवान चौरीचौरा इलाके के राजधानी गांव में बाढ़ से पीड़ित जनता का हाल जानने पहुंचे थे. उनको देखते ही ग्रामीण उग्र हो गए. वापस जाओ के नारे लगाने लगे. नाराज ग्रामीणों ने सांसद को आगे जाने ही नहीं दिया.नाराज ग्रामीणों ने सांसद का जमकर विरोध कर दिया और उन्हें वापस जाने को मजबूर कर दिया. बाढ़ का पानी कम होने के बाद सांसद के पहुंचने से लोग नाराज थे. लोगों का कहना था कि बाढ़ के दौरान जब हजारों लोग परेशान थे तो सांसद गायब रहे. ग्रामीणों द्वारा विरोध का यह वीडियो गोरखपुर में तेजी से वायरल हो रहा है.

इसके बाद सांसद ने स्टीमर द्वारा एनडीआरएफ व राजस्व की टीम के साथ मैरुण्ड ग्राम सिलहटा मुंडेरा, जयरामकोल, भरोहिया, साधना, बसुही गोरसैरा आदि ग्राम सभाओं का भ्रमण कर पीड़ित परिवार को खाद्य सामग्री राहत किट का वितरण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि बाढ़ से पीड़ित किसी भी परिवार को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी. यदि कोई परेशानी होती है तो हमें अवश्य बताएं उसका समाधान किया जाएगा.

सांसद का पहला दौरा, लोगों ने कहा-अब क्या करने आए हैं?

ग्रामीणों का आरोप है कि अब जब बाढ़ कम होने लगी तो सांसद क्या करने आए हैं? राजधानी गांव के ग्रामीणों के मुताबिक बाढ़ के दौरान सांसद कमलेश पासवान का क्षेत्र में यह पहला दौरा था. चौरीचौरा इलाके का राजधानी सिलहटा बांध टूटने से यहां दर्जन भर गांवों के 30 हजार लोग बाढ़ से घिरे हैं. लोगों ने घर की छतों और अन्य जगहों पर शरण ले रखी है.

बाढ़ से 2.50 लाख से अधिक की आबादी प्रभावित

गोरखपुर में राप्ती, रोहिन और घाघरा नदियों के साथ ही गोर्रा और आमी नदी भी कहर बरपा रही है. हालांकि, फिलहाल नदियों का जलस्तर कम हो रहा है. बावजूद इसके जिले में अब तक करीब 400 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं. वहीं, बाढ़ से लगभग 2.50 लाख से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है. हजारों लोगों ने रेलवे स्टेशन, सड़क और बांधों पर शरण ले रखी है.


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