जम्मू-कश्मीर पुलिस ने खोली गिलानी परिवार की पोल, वीडियो जारी की सच्चाई की उजागर
जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के अंतिम संस्कार के वीडियो की एक श्रृंखला सोशल मीडिया पर अपलोड की गई है। 92 वर्षीय गिलानी को गुरुवार को दफनाया गया था।
हालांकि अब जो वीडियो पुलिस की तरफ से जारी किया गया है, उसमें लोगों के एक समूह को शरीर को साफ करते और उसे ढकते हुए दिखाया गया है। इसके बाद दिवंगत नेता के आवास से कुछ सौ मीटर की दूरी पर हैदरपोरा कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार की प्रार्थना की गई और शव को कब्र में दफनाया गया।
Visuals from the graveyard during burial of SAS Geelani. pic.twitter.com/ndvcHx5xtG
— Kashmir Zone Police (@KashmirPolice) September 6, 2021
हालांकि, पुलिस ने कहा कि परिवार पहले तो रात में दफनाने के लिए राजी हो गया था, लेकिन बाद में उसने अपना मन बदल लिया, जिससे पुलिस को मजबूर होना पड़ा।
Visuals from the funeral prayers (Janaza) of SAS Geelani. pic.twitter.com/AVDz7R7JXc
— Kashmir Zone Police (@KashmirPolice) September 6, 2021
कश्मीर जोन पुलिस ने सोमवार को ट्वीट किया, “तीन घंटे बाद शायद पाकिस्तान और कुछ शरारती तत्वों के दबाव में उन्होंने अलग व्यवहार किया और देश विरोधी गतिविधियों का सहारा लेना शुरू कर दिया, जिसमें शरीर को पाकिस्तानी झंडे में लपेटना, पाकिस्तान के पक्ष में जोरदार नारेबाजी करना और पड़ोसियों को बाहर आने के लिए उकसाना शामिल था।”
https://twitter.com/KashmirPolice/status/1434900298682667016
पुलिस ने कहा, ”मनाने के बाद परिजन शव को कब्रिस्तान ले आए और इंतिजामिया कमेटी के सदस्यों व स्थानीय इमाम की मौजूदगी में सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया। उनके दोनों बेटों के कब्रिस्तान में आने से इनकार करना उनके दिवंगत पिता के लिए उनके प्यार और सम्मान के बजाय पाकिस्तानी एजेंडे के प्रति उनकी वफादारी का संकेत था।”
पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि गिलानी की मृत्यु के बाद आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने एसपी और एएसपी के साथ उनके दोनों बेटों से रात 11 बजे उनके आवास पर मुलाकात की, उन्हें शोक व्यक्त किया और संभावित स्थितियों के कारण आम जनता के बड़े हित के लिए रात में दफनाने का अनुरोध किया। दोनों मान गए और परिजनों के पहुंचने तक दो घंटे इंतजार करने को कहा। आईजीपी कश्मीर ने व्यक्तिगत रूप से कुछ रिश्तेदारों से बात की और उन्हें सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया। हालांकि, 3 घंटे बाद शायद पाकिस्तान और बदमाशों के दबाव में उन्होंने अलग व्यवहार किया और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का सहारा लेना शुरू कर दिया।