September 22, 2024

करनाल में किसान आंदोलन का आज चौथा दिन, इंटरनेट सेवा शुरू

कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों तकरीबन 10 महीने से विरोध जारी है। इस बीच हरियाणा के करनाल में मिनी सचिवालय में चल रहे किसान आंदोलन का आज चौथा दिन है। इस बीच स्थानीय प्रशासन ने इंटरनेट सुविधाओं को बहाल कर दिया है। प्रदर्शन स्थल पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए इंटरनेट की बहाली ने राहत मिली है।

किसान संघ के नेता गुरुनाम सिंह चादुनी ने इंटरनेट सेवा बंद करने पर कहा कि यह हमारे अभिव्यक्ति के अधिकार पर हमला है। हर किसी को बोलने और व्यक्त करने का अधिकार है। लेकिन, प्रशासन हमारे अधिकारों का उल्लंघन कर रहा है।

दरअसल किसानों के भड़काऊ भाषणों के प्रसार को रोकने के लिए 7 सितंबर को किसान महापंचायत से पहले करनाल के आसपास के पांच जिलों में इंटरनेट सुविधाओं को निलंबित कर दिया गया था। हालांकि अब सभी जिलों में सुविधाएं बहाल कर दी गई हैं। इस बीच, किसान संघों ने अपनी मांगों के समर्थन में भविष्य की कार्रवाई को अंतिम रूप देने के लिए शनिवार (11 सितंबर) को फिर से बैठक करने का फैसला किया है।

किसान संघों का साफ-साफ कहना है कि वे अब सरकार से तभी बात करेंगे जब 28 अगस्त को करनाल के बस्तर टोल प्लाजा पर लाठीचार्ज का आदेश देते हुए एक वायरल वीडियो में विवादित बयान देने वाले एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ मामला दर्ज होगा। इसके साथ-साथ घटना में मारे गए किसान के परिजनों के लिए 25 लाख रुपये और सरकारी नौकरी और घायल किसानों के लिए 2-2 लाख रुपये मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं।

आपको बता दें कि कृषि कानूनों को रद्द करने के मांग को लेकर पिछले 10 महीने से चल रहा किसान आंदोलन चल रहा है। पिछले साल सितंबर में केंद्र सरकार ने खेती से जुड़े तीन कानून लागू किए थे।  इन्हीं तीन कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं।

 


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